हरियाणा के रेवाड़ी में निजी अस्पताल के द्वारा बिना फीस जमा करवाए डैड बॉडी देने से इंकार कर दिया। परिजनों ने हंगामा किया तो डॉयल 112 की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस आने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। परिजन शव लेकर रवाना हो गए। रेवाड़ी के पाडला गांव निवासी रोहित ने बताया कि उसके पिता सुनील शर्मा को शनिवार दोपहर में खून की उल्टी हुई थी। जिस पर मैंने पिता को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। भर्ती करवाते समय मुझसे 15 हजार रुपए जमा करवाए गए थे। रविवार को सुबह 10 बजे मेरे पिता की मौत हो गई। मौत के बाद जब वह शव लेने के लिए कार्रवाई करवाने लगा तो उससे 55 हजार रुपए मांगे गए। जबकि अस्पताल में रात को डॉक्टर भी नहीं था। मैंने पैसे देने से मना किया तो डैड बॉडी देने से इंकार कर दिया। जिस पर उसने मौके पर पुलिस बुलाई थी। अस्पताल प्रशासन ने हंगामा बढ़ता देख पहले 40 हजार रुपए में समझौता करने की बात कही लेकिन बाद में 20 हजार रुपए में सुनील शर्मा की डैड बॉडी परिजनों को सौंप दी। परिवार के लोग इस बात से दुखी थे कि तीज के त्योहार पर मौत होने के कारण परिवार में किसी के घर चूल्हे नहीं जले हैं। युवक रोहित ने बताया कि उसके पिता सुनील शर्मा गांव के ही जलघर में वॉटर सप्लाई पर ठेकेदार के तहत कार्य करता था। उसकी 2 बहनें हैं, वह खुद भी अभी पढ़ाई ही कर रहा है। उसके पिता की उम्र करीब 42 साल थी।
रेवाड़ी में बिना पैसे शव देने से अस्पताल का इंकार:हंगामा हुआ तो पहुंची डॉयल 112, बाद में दोनों पक्षों के बीच हुआ समझौता
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