रेवाड़ी जिले में बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने कदम बढ़ाए हैं। डीसी अभिषेक मीणा ने गुरुवार को इस मुद्दे पर विशेष बैठक बुलाई। रेवाड़ी शहर में करीब 1500 और बावल व धारूहेड़ा में लगभग 200 आवारा पशु हैं। अधिकारी करेंगे गोशालाओं का निरीक्षण डीसी ने नगर परिषद और पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सभी गोशालाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को मौजूदा पशुओं की संख्या, नए शेड और चारे की व्यवस्था का आकलन करना है। साथ ही यह भी देखना है कि कितने और पशुओं को समायोजित किया जा सकता है। नंदीशाला के लिए रेवाड़ी नगर परिषद के पास जमीन नहीं है, इसलिए आस-पास के गांवों में जमीन की तलाश की जाएगी। पशुपालन विभाग करेगा रिपोर्ट तैयार वहीं पशुपालन विभाग को नए ढांचे के लिए संभावित अनुदान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। पशुपालन विभाग के डॉ. नसीब सिंह यादव ने बताया कि जाटूसाना गोशाला को जल्द ही 35 लाख रुपए की ग्रांट मिलेगी। बगथला, जाटूसाना, मामड़िया हसन और धारूहेड़ा की गोशालाओं में प्रत्येक में 50 से 150 पशुओं को रखा जा सकता है। बैठक में ये रहे शामिल बैठक में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी सुशील भुक्कल, बावल नगर पालिका सचिव प्रशांत पराशर, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान समेत विभिन्न गोशालाओं के प्रबंधक मौजूद रहे।
रेवाड़ी में बेसहारा पशुओं के समाधान की तैयारी:गोशालाओं में क्षमता का होगा आकलन, नंदीशाला के लिए जमीन की तलाश
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