रेवाड़ी शहर की प्यास बुझाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग वाटर स्टोरेज क्षमता को बढ़ाना चाह रहा है। जिसके लिए करीब 8 वाटर टैंक बनाए जाने हैं। जिसके लिए विभाग करीब 80 एकड़ जमीन तलाश रहा है। लेकिन विभाग को जमीन नहीं मिल रही है। रेवाड़ी शहर के आसपास वाले गांवों में किसानों से जमीन खरीदने के लिए विभाग ने ई-भूमि पोर्टल पर विज्ञापन दिया है। जिसमें 4 गांवों के किसानों से जमीन देने के लिए सहमति मांगी गई है। हालांकि अभी तक कुछ खास आवेदन पोर्टल पर नहीं आए हैं। जिसके चलते विभाग की चिंता बढ़ रही है। रेवाड़ी शहर में जमीनी पानी खारा होने के चलते पेयजल के लिए पूरी निर्भरता नहरी पानी पर है। फिलहाल केवल 15 दिन सप्लाई की क्षमता रेवाड़ी शहर में जनस्वास्थ्य विभाग के पास वाटर स्टोरेज की क्षमता केवल इतनी है कि उससे 15 दिन तक लगातार सप्लाई की जा सकती है। लेकिन अब नहरबंदी 24 से बढ़कर 30 दिन तक पहुंच गई है। आने वाले समय में यह बढ़ भी सकती है तो वाटर स्टोरेज क्षमता को बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है। जिसके लिए ही विभाग अपनी क्षमता को कम से कम दो गुना करना चाहता है। शहर में करीब 40 हजार कनेक्शन सूत्रों का कहना है कि रेवाड़ी शहर में जनस्वास्थ्य विभाग के करीब 27 हजार वैध कनेक्शन हैं। वहीं करीब 13 हजार अवैध कनेक्शन से लोग पेयजल आपूर्ति ले रहे हैं। रेवाड़ी शहर में हर रोज करीब 30 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही है। 10 एकड़ जमीन पर विवाद रेवाड़ी के भगवानपुर गांव की पंचायत ने जनस्वास्थ्य विभाग के नाम पर 10 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी। उनकी शर्त थी कि वॉटर स्टोरेज के लिए जमीन तभी मिलेगी, जब गांव में अस्पताल भी बनाया जाएगा। अब अस्पताल के लिए दूसरी जगह जमीन तलाशी जा रही है तो गांव ने विरोध शुरू कर दिया है। जिसको लेकर गांव का धरना जारी है और 13 जुलाई को जिला मुख्यालय की तरफ गांव का पैदल कूच भी प्रस्तावित है। जिसके लिए रूट भी गांव की पंचायत ने जारी कर दिया है।
रेवाड़ी में वॉटर स्टोरेज को जमीन नहीं दे रहे किसान:80 एकड़ जमीन तलाश रहा है विभाग, दूसरी बार फिर मांगी किसानों से सहमति
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