हरियाणा के रेवाड़ी जिले में 200 बेड अस्पताल के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। रामगढ़ भगवानपुर में पिछले 27 दिनों से धरना चल रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने स्वीकार किया कि भगवानपुर के लोगों को अस्पताल का आश्वासन दिया गया था। छवि खराब करने के लिए विरोधियों ने दिया धरना मंत्री ने कहा कि धरने पर बैठे भगवानपुर के लोग उनसे कोई उम्मीद न रखें, क्योंकि यह धरना उनके विरोधियों द्वारा उनकी छवि को खराब करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह ने धरने में लगाए जा रहे वादाखिलाफी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई वादा नहीं तोड़ा है। जमीन का अंतिम चयन नहीं हो पाया उन्होंने स्वीकार किया कि भगवानपुर के लोगों को अस्पताल निर्माण का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक अस्पताल के लिए जमीन का अंतिम चयन नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि भगवानपुर के अलावा कई अन्य गांवों और शहर के लोग भी अस्पताल निर्माण की मांग कर रहे हैं। जिसके कारण स्थान का चयन जटिल हो गया है। लोगों को भोजन कराना संस्कारों का हिस्सा मंत्री ने हाल ही में विधायक और मुख्यमंत्री के साथ रात्रिभोज को लेकर उठे विवाद पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मीडिया ने मामले को तूल देकर बात का बतंगड़ बना दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए घर में शिफ्ट होने पर अपने लोगों को भोजन कराना उनके संस्कारों का हिस्सा है और इसमें कोई राजनीति नहीं है। भगवत भक्ति आश्रम के कार्यक्रम में लिया भाग राव इंद्रजीत सिंह ने भगवत भक्ति आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ऐसी पहल की जाएगी, जो लोगों के कल्याण के लिए हो। उन्होंने बताया कि उनके दादा ने दशकों पहले जातिविहीन समाज के निर्माण के लिए ऐसे कार्यक्रम शुरू किए थे और वे इस दिशा में काम जारी रखेंगे। रामगढ़ समेत कई गांवों के लोग धरने पर रेवाड़ी में 200 बेड के सरकारी अस्पताल के निर्माण को लेकर भगवानपुर और रामगढ़ समेत कई गांवों के लोग धरने पर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि राव इंद्रजीत सिंह ने भगवानपुर में अस्पताल बनाने का वादा किया था और इसके लिए गांव ने 10 एकड़ जमीन भी दी थी। हालांकि अब अस्पताल को अन्य गांवों में बनाने की चर्चा ने विवाद को और हवा दी है।
रेवाड़ी में 200 बेड के अस्पताल को लेकर विवाद:मंत्री राव इंद्रजीत बोले-रामगढ़ के लोग न करे उम्मीद, नहीं तोड़ा कोई वादा
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