रेवाड़ी ADC ऑफिस से 53 मैन्यूअल कॉस्ट सर्टिफिकेट जारी:खुलासा हुआ तो वापस मंगवाए, युवाओं ने कर दिया CET अप्लाई, हो सकता है फॉर्म रिजेक्ट

by Carbonmedia
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हरियाणा के रेवाड़ी में ADC ऑफिस ने मैन्युअल कॉस्ट सर्टिफिकेट जारी कर दिए। जब इसका खुलासा हुआ तो युवाओं को फोन कर वापस मंगवाए जा रहे हैं। प्रदेश में नियम है कि कॉस्ट सर्टिफिकेट मैन्युअल जारी नहीं हो सकता। रेवाड़ी एडीसी ऑफिस ने 12 जून को 53 युवाओं को मैन्युअल सर्टिफिकेट जारी कर दिए। युवाओं ने इसी सर्टिफिकेट के आधार पर CET भी अप्लाई कर दिया। अब उन्हें डर सता रहा हे कि उसका फाॅर्म रिजेक्ट हो सकता है। वहीं मामले का खुलासा हुआ तो ADC ऑफिस ने अपनी गलती सुधारने के लिए आनन-फानन में युवाओं को फोन किए और सर्टिफिकेट वापस मंगवाना शुरू कर दिए हैं। क्रीमीलेयर का निर्धारण कैसे एडीसी ऑफिस ने मैन्युअल सर्टिफिकेट जारी करते समय क्रीमीलेयर और नॉन क्रीमीलेयर के निर्धारण का भी ध्यान नहीं रखा। आवेदन करने आए सभी युवाओं के सर्टिफिकेट उनकी रसीद के आधार पर जारी कर दिए। ऑनलाइन सिस्टम में उनकी रसीद को जो नंबर था, उसे ही सर्टिफिकेट पर अंकित कर दिए गए। कॉस्ट सर्टिफिकेट के लिए नियम सरल पोर्टल पर कॉस्ट सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होगा। अतिरिक्त उपायुक्त एवं नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी जाति प्रमाण पत्र जारी करते हैं। योग्यता रखने वालों को अब अनुसूचित जाति, वंचित अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, टपरीवास, विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति से संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सिर्फ परिवार पहचान पत्र नंबर के माध्यम से सरल पोर्टल पर आवेदन करेगा और उसे ऑनलाइन ही जाति प्रमाण पत्र मिल जाएगा। पिछड़ा वर्ग की देखी जाएगी आय पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र बनाते समय आय देखी जाएगी। आय वही मान्य होगी, जो परिवार पहचान पत्र में सत्यापित है। आय इसलिए देखी जाएगी कि यदि कोई क्रीमी लेयर या नॉन कीमीलेयर में आता है तो उसका प्रमाण पत्र प्रत्येक वर्ष 31 मार्च तक मान्य होगा। सक्षम अधिकारी करेगा सत्यापित जाति सत्यापित करने के लिए सक्षम अधिकारियों की डयूटी लगाई है। राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले निवासी की जाति का सत्यापन नागरिक संसाधन सूचना विभाग की ओर से नोटिफाइड सक्षम अधिकारी करेगा। हरियाणा राज्य के विभाग, पीएसयू, विश्वविद्यालय आदि में कार्यरत रेगुलर पुरुष और महिला कर्मचारी की जाति का सत्यापन एचआरएमएस में उपलब्ध रिकार्ड के आधार पर होगा। वापस मंगवा लिए हैं सर्टिफिकेट : चौहान ​​​​​​​जिला नागरिक संसाधन सूचना प्रबंधक दीपक चौहान ने बताया कि कम्यूनिकेशन गैप की वजह से ऐसा हुआ है। जिनके सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, उनका रिकॉर्ड मैंटेन किया गया था। अब उनसे वापस मंगवा लिए गए हैं। ऑफलाइन जारी करने का कोई नियम नहीं है।

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