Delhi HC On Rajputana Rifles Jawans: देश में सेवा में हमेशा समर्पित हमारे वीर सैनिकों को दिल्ली में हर रोज एक असहनीय स्थिति से रूबरू होना पड़ता है. राजपूताना राइफल्स के करीब 3 हजार से अधिक जवानों को रोज परेड ग्राउंड जाने के लिए एक घंटे नल से होकर गुजरना पड़ता है और यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि दिन में चार बार गुजरना पड़ता है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने लिया मामले में स्वतः सज्ञान
दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 मई की एक मीडिया रिपोर्ट को देखने के बाद मामले स्वतः संज्ञान लिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा सैनिकों को इस प्रकार की स्थिति से गुजरना बर्दाश्त नहीं. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नाले की हालत बेहद खराब है. कुछ जगहों पर पानी कमर तक पहुंच जाता है और कीचड़ से फिसलन बनी रहती है. कोर्ट ने कहा यह तस्वीर न केवल हमारे सैनिकों की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि उनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती है. दिल्ली हाई कोर्ट उन दो याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिनमें साल 2024 से दिल्ली में अलग अलग इलाको में नालों की सफाई को लेकर समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं.
सैनिकों ने पहले पुल बनाने की मांग की थी
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में बताया गया कि सैनिकों की मांग पर एक पुल बनाए जाने की बात पहले उठी थी लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया और 29 में तक दिल्ली हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है.
नाले में अवैध अतिक्रमण को लेकर HC जारी कर चुका है आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने नाले में अवैध अतिक्रमण को लेकर पहले भी सख्त निर्देश जारी कर चुका है. दिल्ली हाईकोर्ट ने तैमूर नाले में अवैध अधिग्रहण हटाने और उसकी सफाई का निर्देश पहले जारी कर चुका है. वहीं अब दिल्ली हाई कोर्ट ने यह साफ किया है कि राजधानी दिल्ली में सुबह और शाम नाले की साफ-सफाई एक निरंतर प्रक्रिया के आधार पर होनी चाहिए हो. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि नाले के आसपास के कचरे की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी.
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