रोहतक के एमडीयू में छात्रों का विरोध प्रदर्शन:13 मांगों को लेकर घेरा वीसी ऑफिस, गर्भवती छात्रा को आया पसीना

by Carbonmedia
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रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अंदर छात्र संगठन के नेता दीपक धनखड़ के नेतृत्व में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने डीन एकेडमिक अफेयर्स को 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया तो वह बड़ा आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे। वहीं प्रदर्शन में एक गर्भवती छात्रा को पसीना आया तो उसे वहीं बैठाया गया। दीपक धनखड़ ने बताया कि इंटीग्रेटेड कोर्स के छात्रों को अगर छठे सेमेस्टर में री है तो उसे सातवें सेमेस्टर में प्रमोट नहीं किया जाता। एलुमनाई फीस के नाम पर करोड़ों रुपए का स्कैम किया जा रहा है। कॉलेज फीस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हॉस्टल फीस को दोगुना कर दिया, लेकिन सुविधाओं के नाम पर छात्रों को कुछ नहीं मिल रहा। छात्रों की समस्याओं को यूनिवर्सिटी प्रशासन के सामने रखा है। प्रदर्शन में गर्भवती ने लिया भाग प्रदर्शन के दौरान आईसी कॉलेज की गर्भवती स्टूडेंट रीतिका ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही के कारण उसे दर-दर भटकना पड़ रहा है। केमिस्टरी विषय को छोड़कर बाकी सभी विषयों में मेरिट आई है, लेकिन एक विषय में जीरो नंबर कैसे आ सकते है। बाद में फॉर्म भरवाकर स्टूडेंट्स को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एलुमिनाई फीस के नाम पर करोड़ों का स्कैम छात्र नेता दीपक धनखड़ ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन एलुमिनाई फीस के नाम पर करोड़ों रुपए का स्कैम कर रहा है। यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉलेजों में करीब ढाई लाख स्टूडेंट्स है, जिनसे हर वर्ष 500 रुपए फीस ली जाएगी। यानि तीन साल की बात करें तो करीब 10 करोड़ रुपए का स्कैम हो रहा है। छात्रों की ये रही 13 मांगे प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एमडीयू प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इंटीग्रेटेड कोर्स के छात्रों को सातवें सेमेस्टर में प्रमोट न करना, छात्रहित में निर्णय नहीं है। 500 रुपए एलुमिनाई फीस अनिवार्य करना छात्रों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। ट्यूशन, परीक्षा एवं अन्य शुल्कों में अत्यधिक वृद्धि करके छात्र वर्ग की उपेक्षा की गई है। छात्रों ने कहा कि हॉस्टल शुल्क में बेकाबू वृद्धि एवं सुविधाओं की भारी कमी है। अंतिम सेमेस्टर की री-अपीयर परीक्षा की देरी से एक वर्ष का नुकसान हुआ है। परीक्षा फीस की दोहरी वसूली से छात्र जानकारी के अभाव में दंड भुगत रहे है। रिचैकिंग एवं री-अपीयर फॉर्म की तिथि में समन्वय की समस्या आ रही है। रिचैकिंग/रिवैल्यूएशन के बाद पास हुए विद्यार्थियों को न्याय नहीं मिल रहा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि सर्टिफिकेट/डिप्लोमा कोर्सों के आवेदन शुल्क वापस किए जाए। खिलाड़ियों को कैश अवॉर्ड और सम्मान नहीं मिल रहा। शोधार्थियों को बढ़ी हुई छात्रवृत्ति नहीं मिल रही। हेल्पलाइन और सूचना प्रणाली की लचर स्थिति के कारण छात्र परेशान है। विश्वविद्यालय की सरकारी कैंटीन में भोजन थाली पुनः शुरू करने की मांग की।

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