रोहतक के पीजीआईएमएस के इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ (IMH) में एम.फिल सायकियाट्रिक सोशल वर्क (2023–25 बैच) के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। छात्रों ने कहा कि उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और अब विभागीय स्तर पर झूठे आरोप लगाकर उनका भविष्य खतरे में डाला जा रहा है। इसको लेकर वीसी से भी मिले, लेकिन समाधान नहीं हो रहा। छात्र अभिषेक, कविता, प्रीति, नेहा, दीक्षा, रितेश व नवीन ने आरोप लगाया कि वार्डन डॉ. सिद्धार्थ को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों पर झूठे आरोप लगाकर परेशान किया जा रहा है। शिकायत लेकर जाते है तो कोर्स को छोड़कर जाने की बात कही जाती है। वीसी डॉ. एच.के अग्रवाल ने डीन को मामले में जांच करने को कहा, लेकिन डीन उल्टा उन्हें परेशान करते हुए वार्डन को बचाने का प्रयास कर रहे है। 7 छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। हॉस्टल फीस 13 हजार, जुर्माना लगाया 67750
छात्रों ने आरोप लगाया गया वार्डन डॉ. सिद्धार्थ झूठे आरोप लगा रहा है कि छात्र हॉस्टल में एसी का प्रयोग करते हैं जबकि 2024 में खुद डॉ. सिद्धार्थ ने लिख कर दिया कि छात्र एसी का प्रयोग नहीं कर रहे। अब झूठे आरोप लगाकर उन पर भारी जुर्माना लगाया गया है। हॉस्टल की फीस मात्र 13000 है जबकि जुर्माना उनके ऊपर 67750 लगाया गया है जो किसी भी सूरत में सही नहीं है। प्रशासन ने अब तक जारी नहीं किया था नोटिस
छात्रों ने बताया कि 2023 से लेकर अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया था। छात्रों की आवाज उठाने के बाद उनका नोटिस जारी हुआ है जिसमें भारी भरकम जुर्माना जोड़ा गया है। 2024 में खुद प्रशासन ने लिख कर दिया कि छात्र एसी का प्रयोग नहीं कर रहे। लेकिन अब छात्रों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। जिससे उनका शैक्षणिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे है। छात्रों ने परीक्षा न देकर जताया रोष
छात्रों ने कहा कि उनकी परीक्षा थी, लेकिन परीक्षा न देकर विरोध प्रकट किया गया। साथ ही छात्रों ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि यदि अब भी उनकी बात नहीं सुनी गई तो वे 2 जून से सांकेतिक धरना करेंगे और उसके बाद भी समाधान न मिला तो सामूहिक रूप से कोर्स छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा।
रोहतक पीजीआई में एम.फिल पीएसडब्ल्यू छात्रों के साथ भेदभाव:मानसिक उत्पीड़न व झूठे आरोपों के खिलाफ विरोध, प्रशासन कर रहा भविष्य बर्बाद
5