रोहतक में खापों की पंचायत में ऐलान:गांव व गोत्र में नहीं होंगे विवाह, लिव इन रिलेशनशिप व नशाखोरी को करेंगे जड़ से खत्म

by Carbonmedia
()

रोहतक के गांव सुनारियां में खापों की पंचायत हुई, जिसमें कई खापों के प्रधानों ने भाग लिया। खाप पंचायत में ऐलान किया कि सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए हर गांव में लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर करने के लिए भी प्रयास किया जाएगा। खाप पंचायत के दौरान निर्णय लिया कि एक गांव गुहांड व एक गोत्र में विवाद करने पर रोक लगाई जाएगी। जो लोग अपने गांव में ही विवाह कर लेते है, इससे समाज का आपसी ताना-बाना नष्ट हो रहा है। गांव के अंदर ही विवाह करने पर विवाद बढ़ते है, जिससे समाज पर भी बुरा असर पड़ रहा है। गांवों में जाकर लोगों को किया जाएगा जागरूक
खाप पंचायत के लिए निर्णय लिया कि सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए अब हर गांव में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा। लोगों को समझाया जाएगा कि इन कुरीतियों के कारण कितना नुकसान हो रहा है। समाज पर इसका कितना विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एक पहल खाप की तरफ से की जा रही है, जिसमें सभी के सहयोग की जरूरत है। एक गोत्र में विवाह करने से युवा पीढ़ी पर संकट
खाप पंचायत के दौरान 84 खाप के प्रधान हरदीप अहलावत ने कहा कि एक गोत्र में विवाह करने से युवा पीढ़ी पर संकट पैदा हो गया है। एक गोत्र में विवाह करने वालों की पीढ़ी खराब हो रही है, क्योंकि एक गोत्र के लोगों का रिश्ता भाई-बहन का होता है और उनका आपस में विवाह करना गलत है। लिव इन रिलेशनशिप समाज की सबसे बड़ी बुराई
सतगामा खाप के प्रधान प्रकाश बुधवार ने बताया कि समाज में नई बुराई लिव इन रिलेशनशिप आई है, जो समाज के ताने बाने को बर्बाद कर रही है। बिना शादी के दो लोगों का एकसाथ रहना, आपस में संबंध बनाना गलत है। इससे युवाओं में भी गलत संदेश जा रहा है। ऐसे में इस बुराई को जड़ से खत्म करने की जरूरत है। नशाखोरी के चक्कर में फंस रहे युवा
नांदल खाप के प्रधान महेंद्र सिंह नांदल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशे के चक्कर में फंस रही है। कई प्रकार का नशा युवा पीढ़ी करने लगी है, जिससे अपराध भी बढ़ रहे है। युवाओं को नशे के मकड़ जाल से निकालकर खेलों की तरफ या पढ़ाई की तरफ मोड़ने का प्रयास किया जाएगा। युवाओं में संस्कारों की होती जा रही कमी
हुड्डा खाप के प्रवक्ता सरपंच बारू हुड्डा ने बताया कि युवाओं में आज संस्कारों की कमी होती जा रही है। बुजुर्गों व युवाओं के बीच जेनरेशन गैप बढ़ रहा है। बड़े बुजुर्गों को आज की युवा पीढ़ी बोझ समझने लगी है, जिसके कारण बुजुर्गों की कोई सुन नहीं रहा। इसमें सबसे बड़ा दोष माता-पिता का है, जो अपने बच्चों को समय नहीं दे रहे। बच्चों की हरकतों पर नजर नहीं रख रहे। इस जेनरेशन गैप को खत्म करने की जरूरत है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment