रोहतक में समाजसेवी नवीन जयहिंद ने बीपीएल फ्लैट में पत्रकारों से बात करते हुए राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला की एएजी नियुक्ति रोकने पर प्रतिक्रिया दी। साथ ही शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा व कांग्रेस को लेकर अपनी भड़ास निकालते हुए आड़े हाथों लिया। नवीन जयहिंद ने कहा कि सुभाष बराला के बेटे विकास बराला ने आईएएस की बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी, लेकिन फिर भी सरकार ने बंदर बाट करते हुए विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल लगा दिया था जिसकी सैलरी लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए है। अब सरकार ने विकास बराला की नियुक्ति को रद्द कर दिया। नवीन जयहिंद ने कहा कि सीएम नायब सैनी को विकास बराला की नियुक्ति बारे जानकारी ही नहीं थी जो खतरनाक मामला है। एक सीएम को किस तरह धोखे में रखा जा रहा है। लगभग 1000 लोगों ने असिस्टेंट एडवोकेट जनरल की पोस्ट के लिए अप्लाई किया था, जिसमें से 100 व्यक्तियों को इस पद पर ज्वाइनिंग दी गई। शिक्षा मंत्री अब विकास को लगा दें मुर्गी फॉर्म का मैनेजर नवीन जयहिंद ने शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि शिक्षामंत्री अब विकास बराला को सात समुंदर पार या फिर सातवें आसमान पर छोड़कर आ सकते है। इसके अलावा मुर्गी फॉर्म में मैनेजर की नौकरी दे सकते है। शिक्षामंत्री द्वारा दिया गया बयान बेहद ही निंदनीय था। नेताओं के बेटों को सात समुंदर पार छोड़ नहीं सकते तो लड़कियां छेड़ने का भी अधिकार नहीं है। विपक्ष ने इस मामले में नहीं उठाई आवाज नवीन जयहिंद ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष कुंभकर्ण की नींद सोता रहा, लेकिन विपक्ष अगर चुनाव होता तो अवश्य जाग जाता। अभी चुनाव नहीं है इसलिए जनता के मुद्दों पर अभी विपक्ष सो रहा है। हो सकता है कि विपक्ष गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की तरह सरकार से डर रहा हो या फिर विपक्ष को ईडी या सीडी का डर होगा। पूर्व आईएएस ने मामले में उठाए सवाल नवीन जयहिंद ने कहा कि पूर्व आईएएस द्वारा इस मामले में आवाज उठाना सराहनीय है। साथ ही वर्तमान में आईएएस अधिकारियों और आईपीएस अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। जयहिंद ने लड़कियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि अब कलयुग है इसमें कोई कृष्ण का अवतार नहीं आएगा, अपनी आवाज खुद उठानी पड़ेगी। वहीं ऐसे मामलों को फास्ट कोर्ट में लाकर फैसले जल्द से जल्द होने चाहिए।
रोहतक में नवीन जयहिंद का विकास बराला पर निशाना:बोले, एएजी की नियुक्ति रद्द करना सही निर्णय, अब मुर्गी फॉर्म का लगा दें मैनेजर
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