रोहतक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग मंदबुद्धि है, जो हर अच्छे काम पर सवाल खड़े करते है। जयशंकर को जयचंद कहने के सवाल पर महिपाल ढांडा ने कहा कि राहुल गांधी कुछ भी बोल सकते हैं। महिपाल ढांडा ने कहा कि वीरांगनाओं को लेकर राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का बयान व्यक्ति है, उसे पार्टी का बयान नहीं मान सकते। किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत बयान पर टिप्प्णी नहीं करूंगा। ओवीसी को लेकर पूछे सवाल पर महिपाल ढांडा ने कहा कि ओवीसी जैसा व्यक्ति जब संकट की घडी में देश की बात कर रहा है तो कांग्रेस को भी सोचना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के लोगों में इतनी हिम्मत नहीं है। 99 हजार हमारे कैदी थे, पाकिस्तान हथिया लेते
महिपाल ढांडा ने पीओके हथियाने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि जो लोग यह कहते है कि हम पीओके हथियार सकते थे, उनसे पूछो कि जब 99 हजार लोग हमारे कैदी थे तो हम पूरा पाकिस्तान हथिया सकते थे। मंदबुद्धि लोगों की बात करना बेकार है। इंद्रा गांधी का अटल बिहारी ने दिया था साथ
महिपाल ढांडा ने कहा कि जब बांग्लादेश को बनाया था, उस समय इंद्रा गांधी प्रधानमंत्री थी। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने इंद्रा गांधी से कहा था कि तुम दुर्गा का रूप हो। दुर्गा बनकर आगे बढ़ों, हम आपके साथ है। दल बाद में है, देश पहले है और आगे बढ़कर इन लोगों को खदेड़ने का काम करो। विपक्ष कुछ भी कहे, मंदबुद्धि लोग
शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि जो लोग सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जिन लोगों ने पहलगाम में कुकृत्य किया था, उनको जन्म देने वाले, पैदा करने वालों को नष्ट कर दिया है।जो भी आतंकवादी पकड़ा गया, जिस फैक्ट्री में वो तैयार हो रहे थे, उस फैक्ट्री को ही ध्वस्त कर दिया। आतंकवाद का सफाया करने में सरकार लगी हुई है। भारत नए आयामों को छु रहा
महिपाल ढांडा ने कहा कि भारत को नए आयामों को छूना है और छूता रहा है। भारत बहुत मजबूत राष्ट्र पहले से रहा है और आज भी है। पहले भी आर्थिक रूप से कमजोर नहीं था, आज भी नहीं है। बीच के कालखंड में कुछ व्यवस्थाएं गड़बड़ाई थी, लेकिन आज उन्हें भी ठीक कर लिया गया है। आज देश को मजबूत राजनीतिक व्यवस्था मिली है, जिससे देश विकसित होने जा रहा है।
रोहतक में शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा का कांग्रेस पर बयान:बोले, मंदबुद्धि लोग कुछ भी बोल रहे, वीरांगनाओं पर रामचंद्र जांगड़ा की व्यक्तिगत बात
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