रोहतक में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठन का विरोध:प्राइमरी टीचर एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी, आदेशों को वापस लेने की मांग

by Carbonmedia
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रोहतक में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकुला के पत्र अनुसार गठित स्कूल मैनेजमेंट समितियों को रद्द कर दिया। साथ ही स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठन के आदेश जारी किए। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा निदेशालय के द्वारा जारी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी गठन के नए पत्र का विरोध किया। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के जिला प्रधान रमेश सिवाच ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 21 का उल्लंघन कर राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 की धज्जियां उड़ाई हैं । राइट टू एजुकेशन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक स्कूल में अलग स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया जाएगा। रमेश सिवाच ने कहा कि इस कानून के लागू होने से अब तक प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों में जो मिडिल, हाई और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के साथ एक ही कैम्पस में स्थित हैं, उनमें अलग स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का गठन होता आया है। यह निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार है। रमेश सिवाच ने कहा कि स्कूल शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने मनमाने तरीके से एक परिसर में स्थित सभी स्कूलों में केवल इकट्ठी एक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी बनाने के निर्देश देकर प्राथमिक स्कूलों की कमेटी को खत्म कर दिया है । इससे प्राथमिक स्कूलों को मिलने वाली ग्रांट बंद हो जाएंगी। प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की साजिश
रमेश सिवाच ने कहा कि हरियाणा सरकार प्राथमिक स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की साजिश रची जा रही है । प्रदेश के प्रत्येक राजकीय प्राथमिक स्कूल का अलग स्कूल कोड है और अलग यू-डाइस कोड और अलग से ग्रांट आती है, जिससे प्राथमिक स्कूल की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहती है । आरटीई एक्ट 2009 में नहीं किया संशोधन
रमेश सिवाच ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 में संशोधन किए बिना ऐसा किया है जो उनके तानाशाही रवैया को उजागर करता है । इससे प्रतीत होता है कि अधिकारी संसद द्वारा बनाए गए कानून को भी नहीं मानते, अपनी मनमर्जी चला रहे है । राइट टू एजुकेशन एक्ट में संशोधन का अधिकार भारतीय संसद को है। बिना संशोधन के इस प्रकार के निर्णय लेना गलत एवं संसद की अवमानना है । स्कूल के सदस्य कमेटी में नहीं होंगे शामिल
रमेश सिवाच ने कहा कि स्कूल में कार्यरत सदस्य, मिड डे मिल वर्कर, चपरासी, माली, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एडुसैट चौकीदार को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में शामिल नहीं करने के आदेश जारी किए गए हैं, जो गलत व उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा? संविधान और कानून के अनुसार यदि उस स्कूल में स्टाफ सदस्यों के बच्चे पढ़ते हैं तो स्कूल मैनेजमेंट कमेटी में उन स्टाफ सदस्यों को शामिल करने पर स्कूल की व्यवस्था अच्छी होगी। गांवों में सामाजिक समरसता होगी खराब
रमेश सिवाच ने कहा कि हरियाणा के सभी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का गठन हो चुका है जिसमे स्कूलों का समय, अभिभावकों की भागीदारी एवं धन व्यय हो चुका है। नए कमेटी के नाम बैंक खाते भी खुल गए है । दोबारा से समिति गठन करने पर पहले गठित की गई समिति का अपमान होगा और गांव में सामाजिक समरसता खराब होगी व तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । इसको लेकर हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन आंदोलन करने पर विवश होगी।

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