पेट में गैस और कब्ज बेहद कॉमन प्रॉब्लम बन चुकी है. दरअसल, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत खानपान और टेंशन के कारण लाखों लोग इस दिक्कत से परेशान रहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये लक्षण किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर की ओर इशारा करते हैं? जानते हैं कि पेट में गैस और कब्ज होने की वजह क्या हो सकती है और इन लक्षणों को कब गंभीरता से लेने की जरूरत होती है?
क्या है पेट में गैस बनने और कब्ज की वजह?
पेट में गैस बनना और कब्ज होना पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें हैं, जिनका कनेक्शन डाइट और लाइफस्टाइल से होता है. दरअसल, जब पाचन तंत्र में हवा फंस जाती है या बैक्टीरिया कार्बोहाइड्रेट्स का विघटन करते हैं तो गैस बनती है. वहीं, कब्ज तब होता है, जब मल त्याग में दिक्कत होती है या मल सूखा और कठोर हो जाता है. मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉ. विनय सैमुअल गायकवाड़ बताते हैं कि पेट में गैस, पेट फूलना और कब्ज जैसी दिक्कतें आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल, कम फाइबर वाला भोजन करने, कम पानी पीने और फिजिकल एक्टिविटीज कम होने के कारण होती हैं. ये लक्षण काफी वक्त तक बने रहे या वजन घटने, मल में खून या लगातार पेट दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो चिंता का विषय हो सकता है.
इन वजहों से होती है गैस-कब्ज की दिक्कत
पालक, पत्ता गोभी, बीन्स, राजमा, छोले, मैदा और तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से गैस और कब्ज की दिक्कत हो सकती है. वहीं, पूरे दिन बैठे रहने, कम पानी पीने और एक्सरसाइज की कमी से भी परेशानी बढ़ती है. ज्यादा टेंशन लेने के कारण भी गैस और कब्ज की समस्या बढ़ती है.
क्या कैंसर से हो सकता है गैस और कब्ज का कनेक्शन?
गैस और कब्ज के ज्यादातर मामलों को नॉर्मल माना जाता है, लेकिन कुछ केसेज में ये गंभीर बीमारियों जैसे पेट के कैंसर का सिग्नल हो सकते हैं. पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहते हैं. यह तब होता है, जब पेट की अंदरूनी परतों पर असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं. यह बीमारी शुरुआत में स्पष्ट तौर पर नजर नहीं आती है, जिसके चलते इसे ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है#
कैंसर का पता बताते हैं ये लक्षण
डॉ. गायकवाड़ के मुताबिक, पेट में गैस, अपच और कब्ज जैसे लक्षण अगर लगातार बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. साथ ही, इन बातों पर भी गौर करना चाहिए.
लगातार पेट दर्द: विशेष रूप से खाने के बाद या पेट के ऊपरी हिस्से में.
अचानक वजन घटना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में कमी.
मल में खून: मल का रंग बदलना या मल के साथ खून आना.
मतली और उल्टी: विशेष रूप से अगर उल्टी में खून हो.
भूख में कमी: खाने की इच्छा कम होना या खाने के बाद भारीपन महसूस होना.
एनेल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जेन-एक्स और मिलेनियल्स में पेट और अपेंडिक्स कैंसर के मामले पहले की तुलना में तीन और चार गुना तेजी से बढ़े हैं. इसकी वजह मॉडर्न लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन और मोटापा बताई जाती है. कई रिसर्च में पेट में गैस और कब्ज का कनेक्शन कुछ गंभीर बीमारियों जैसे कोलोरेक्टल कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर से मिला है. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, लंबे समय तक कब्ज और गैस की समस्या पाचन तंत्र में असामान्य कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकती है, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं.
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