पंजाब के लुधियाना में जीवनजोत प्रोजेक्ट के तहत भीख मांगते पकड़े गए बच्चों का आज DNA टेस्ट करवाया गया है। 4 दिन पहले जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी ने रेलवे स्टेशन के बाहर से 18 बच्चों का रेस्क्यू किया था। इन बच्चों का सोमवार को DNA टेस्ट करवाना था लेकिन कागजी प्रक्रिया पूरी ना होने के कारण टेस्ट लंबित रह गया था। फिर मंगलवार को जिला प्रशासन की तरफ से कमेटी बनाई गई है जो इन टेस्टों पर नजर रखेगी। जिला अधिकारियों के मुताबिक इस कमेटी में बाल संरक्षण अधिकारी, पुलिस आयुक्त के प्रतिनिधि और सिविल सर्जन शामिल हैं, जिन्हें बाल तस्करी और शोषण से निपटने के लिए प्रोजेक्ट जीवनजोत 2.0 के तहत डीएनए प्रक्रिया की निगरानी का काम सौंपा गया है। आज 6 बच्चों का DNA करवाने के लिए अधिकारी सिविल अस्पताल पहुंचे जिनके सेंपल लिए गए। सेंपलों को फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी मोहाली में भेजा जाएगा। बच्चों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है। यदि बच्चे और उसके साथ आए संरक्षक के बीच कोई जैविक संबंध स्थापित नहीं होता हैं, तो बाल कल्याण समिति अलग-अलग अधिनियम या धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करके कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी। अधिकारी ने बताया कि कुछ बच्चों के साथ आए लोगों ने दावा किया था कि बच्चे उनके है। इन बच्चों की तस्वीरें, पोर्टल आईडी, लाभ विवरण, सामाजिक जांच रिपोर्ट, चिकित्सा जांच रिपोर्ट और साथ में आए व्यस्क का विवरण और तस्वीरें, डीएनए परीक्षण की प्रक्रिया विवरण, दावा किए गए माता-पिता द्वारा प्रदान किए दस्तावेजों और बच्चे की सुरक्षा, संरक्षण, संरक्षण व कल्याण से संबंधित अन्य रिकार्ड भी चैक किए जाएंगे।
लुधियाना में आज हुआ 6 बच्चों का DNA:4 दिन पहले 18 भिक्षा मांगने वालों का किया था रेस्क्यू,अधिकारी जांच में जुटे
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