लुधियाना में पुलिस ने सेल्समैन को बनाया गैंगस्टर:बिना जांच किए सीसीटीवी देख युवक पर की FIR,जूता कारोबारी ने की थी शिकायत

by Carbonmedia
()

पंजाब के लुधियाना की पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस अब खुद विवादों में फंस गई है। थाना डिवीजन नंबर 7 पुलिस ने जालंधर के गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लक्खू बाबा समेत आठ लोगों के खिलाफ हत्या की आपराधिक साजिश रचने का मामला बिना बुनियादी तथ्यों की पुष्टि किए दर्ज कर लिया। इस चूक ने अब मामला दर्ज करने से पहले पुलिस द्वारा अपनाई गई जांच प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीसीटीवी देख संदिग्ध व्यक्ति को गलती से गैंगस्टर लक्खू बाबा समझा पुलिस की शर्मिंदगी तब और बढ़ गई जब सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे एक संदिग्ध को गलती से गैंगस्टर लक्खू बाबा समझ लिया गया और वह व्यक्ति एक दिहाड़ीदार सेल्समैन है। भट्टियां कॉलोनी निवासी सचिन नाम के इस व्यक्ति ने एक वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि वह सिर्फ जूतों के दाम जानने के लिए दुकान पर गया था और उसका किसी गैंगस्टर से कोई संबंध नहीं है। बच्चे मुझ पर कर रहे शक,मुझे अपनी जान लेने पर होना पड़ रहा मजबूर
सचिन ने अपने वीडियो में कहा-मैं एक दुकान पर काम करके सिर्फ 500 रुपए रोजाना कमाता हूं। मैं वहां दाम देखने गया, चीजें महंगी पाईं और चला आया। बाद में, मुझे यह जानकर सदमा लगा कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुझ पर हत्या की साजिश का मामला दर्ज कर लिया है। वीडियो देखने के बाद मेरे बच्चों को मुझ पर शक होने लगा है। यह अपमान मुझे अपनी जान लेने पर मजबूर कर रहा है। इन्फ्लुएंसर और जूता व्यापारी गुरविंदर सिंह प्रिंकल ने दी थी शिकायत
इन्फ्लुएंसर और जूता व्यापारी गुरविंदर सिंह प्रिंकल की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गैंगस्टर लक्खू बाबा उनके जाने के कुछ ही मिनट बाद पिस्तौल लेकर सेक्टर 32 स्थित उनकी दुकान में घुस आया और उनके कर्मचारियों को धमकाया। प्रिंकल ने दावा किया था कि लक्खू बाबा गैंगस्टर ऋषभ बेनीपाल के इशारे पर काम कर रहा था, जिसने पहले उस पर हमले की साजिश रची थी। उनके बयान के आधार पर, पुलिस ने लक्खू बाबा, बेनीपाल और छह अन्य पर भारतीय न्याय संहिता की कठोर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिनमें हत्या के लिए उकसाना, आपराधिक साजिश, आपराधिक धमकी, दंगा और आर्म्स एक्ट शामिल हैं। हालांकि, पुलिस द्वारा बिना किसी पहचान की जांच किए केवल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एफआईआर दर्ज करना घोर लापरवाही को उजागर करता है। मामले की अब समीक्षा की जा रही है। थाना डिवीजन नंबर 7 के एसएचओ भूपिंदर सिंह से जब इस मामले संबंधी जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment