पंजाब में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए लुधियाना में आज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने खुद मोर्चा संभाला है। उन्होंने खन्ना के आजाद नगर और नरोत्तम नगर में घर-घर जाकर डेंगू लार्वा की जांच की।मंत्री ने अपनी चेकिंग के दौरान गमलों, कूलरों और टूटे-फूटे बर्तनों में जमा पानी में लार्वा पाया। उन्होंने मौके पर ही इन्हें नष्ट करवाया और नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान भी कटवाए। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीमें, नगर कौंसिल अधिकारी, नर्सिंग कॉलेज के छात्र और आशा वर्कर भी शामिल थे। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह अभियान सिर्फ दिखावा नहीं है। यह सीएम भगवंत मान के ‘रंगला पंजाब’ विजन को साकार करने का संकल्प है। उन्होंने स्थानीय लोगों को समझाया कि कैसे गमलों की तश्तरी, पुराने कूलर और प्लास्टिक की टूटी बाल्टियां डेंगू मच्छरों के लार्वा का घर बन जाती हैं। मंत्री ने चेतावनी दी कि एक छोटा सा लार्वा भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। 1,000 नर्सिंग छात्रों को डेंगू लार्वा की पहचान का प्रशिक्षण दिया- मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक 20,000 आशा वर्करों और 31,000 नर्सिंग छात्रों को डेंगू लार्वा की पहचान और नष्ट करने का प्रशिक्षण दिया है। स्कूलों के शिक्षक भी इस मुहिम से जुड़े हैं। वे बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं जो घरों की निगरानी कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि पंजाब के 881 आम आदमी क्लीनिकों में अब डेंगू की जांच के साथ-साथ चेचक, पीलिया और गर्भावस्था संबंधी जांचें भी हो रही हैं। दवाओं की संख्या 80 से बढ़ाकर 160 कर दी गई है। अब तक करीब 1.3 करोड़ लोग इन क्लीनिकों से फायदा ले चुके हैं। सड़कों पर जलभराव के मुद्दे पर डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों ने बिना योजना के कॉलोनियां बसाईं। इससे जल निकासी की समस्या पैदा हुई है। अब सरकार इन अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई कर रही है।
लुधियाना में स्वास्थ्य मंत्री ने घर-घर जाकर की चेकिंग:डेंगू के खिलाफ अभियान, गमलों और कूलरों में लार्वा मिला
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