लुधियाना में मलक गांव के 70 वर्षीय किसान लखवीर सिंह उप्पल की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है। जानकारी के अनुसार उनकी लगभग आठ एकड़ जमीन लैंड पूलिंग पॉलिसी के अंतर्गत आ गई थी। इसके अलावा उन पर कई लाख रुपए का कर्ज भी था। इन दोनों कारणों से वे कुछ दिनों से मानसिक सदमे में थे। हाल ही में इस नीति के खिलाफ जोधा में आयोजित एक बैठक में भाग लेने के बाद लौटने पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उन्हें गंभीर हालत में लुधियाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। नीति के खिलाफ संघर्ष का पहला शहीद घोषित जमीन बचाओ संघर्ष समिति के नेता बलबीर सिंह, इकबाल सिंह राय और हरजोत सिंह उप्पल ने बताया कि लखवीर सिंह लैंड पूलिंग नीति और कर्ज के कारण मानसिक रूप से परेशान थे। किसान नेताओं ने लखवीर सिंह उप्पल को भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ संघर्ष का पहला शहीद घोषित किया है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि लखवीर सिंह के इलाज पर उन्हें 16 लाख रुपए खर्च करने पड़े। लेकिन इसके बावजूद उनकी मृत्यु हो गई। मंगलवार को उनके गांव मालक में उनका अंतिम संस्कार किया गया। कनाडा से बेटे को वापस बुलाया था ग्रामीणों के अनुसार मृतक किसान ने कुछ समय पहले अपने इकलौते बेटे जयपाल सिंह को लाखों रुपए खर्च कर कनाडा भेजा था। बाद में उन्होंने अपने बेटे को वापस बुलाया ताकि वह जमीन की देखभाल कर सके। पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया उल्लेखनीय है कि मलक वही गांव है जिसकी सैकड़ों एकड़ जमीन इस नीति के प्रभाव में आई है। इस गांव से ही लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ पहला विरोध उठा था। कल इसी गांव के निवासियों ने जगराओं में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था। इन्हीं लोगों ने आम आदमी पार्टी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला बोर्ड भी लगाया था। किसान और मजदूर संगठनों ने किसान की मौत के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और इस नीति को रद्द करने की मांग की है।
लुधियाना में हार्टअटैक से किसान की मौत:कर्ज और लैंड पूलिंग में जमीन आने से परेशान थे, समिति ने पंजाब सरकार को ठहराया जिम्मेदार
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