लुधियाना पुलिस ने मंगलवार को एक पूर्व रोलिंग मिल कर्मचारी को गिरफ्तार किया, जिस पर 29 अगस्त को चाकू की नोक पर 47 लाख रुपये लूटने का आरोप है। पुलिस ने आरोपी के साथ उसकी महिला साथी और उसके मामा को भी गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कथित तौर पर चोरी के पैसे छिपाने में मदद की। अब तक पुलिस ने तीनों आरोपियों से करीब 28 लाख रुपये बरामद किए हैं, लेकिन लूटी गई कुल राशि को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है, क्योंकि शिकायतकर्ता और आरोपी दोनों ही सटीक आंकड़ा बताने में असमर्थ हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तरनतारन के भिखीविंड निवासी राघव कक्कड़, खन्ना की नर्स हरमनजोत कौर और फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद निवासी उनके मामा करमजीत सिंह शामिल हैं। दातर के बल पर हुई थी लूट सिटी डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) रुपिंदर सिंह ने बताया कि मामला तब सामने आया जब गिल रोड स्थित रोलिंग मिल के अकाउंटेंट संजय कुमार ने शिकायत दर्ज कराई। संजय के अनुसार, कार्यालय में दो कर्मचारी मौजूद थे, जब राघव अचानक अंदर घुसा और दातर के बल पर धमकाकर कथित तौर पर 47 लाख रुपए लूटकर फरार हो गया। राघव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद वह छिप गया। लूट के पैसे छिपाने वाली हरमनजोत को ट्रैक कर पुलिस को मिला क्लू जांच के दौरान पुलिस ने हरमनजोत कौर को ट्रैक किया, जो राघव को चोरी का पैसा छिपाने में मदद कर रही थी। पुलिस ने उसके पास से 1.65 लाख रुपए बरामद किए। हरमनजोत की पूछताछ के बाद उसके मामा करमजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया, जिनके घर से पुलिस ने फर्श के नीचे छिपाकर रखे गए 6.50 लाख रुपये बरामद किए। राघव को पकड़ने के लिए पुलिस टीमों ने पंजाब और दिल्ली के विभिन्न जिलों में तलाशी अभियान चलाया। अंततः उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके पास से 20.49 लाख रुपये, एक स्कूटर और लूट में इस्तेमाल चाकू बरामद किया गया। आरोपी राघव बोला-बदले की भावना से की लूट
ADCP 2 करनवीर सिंह ने बताया कि राघव करीब एक साल तक रोलिंग मिल में काम करता था, लेकिन अप्रैल में अनियमितताओं और आपराधिक रिकॉर्ड के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। पूछताछ के दौरान राघव ने स्वीकार किया कि यह लूट बदले की भावना से नहीं, बल्कि सिर्फ पैसे हासिल करने के लिए की गई थी, क्योंकि उसे पता था कि कार्यालय में बड़ी मात्रा में नकदी रहती है। महिला साथी और मामा की अहम भूमिका
ADCP करनवीर सिंह ने यह भी बताया कि हरमनजोत और उसके मामा ने राघव को पैसे छिपाने और पुलिस से बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस को गुमराह किया और राघव को लगातार जांच की जानकारी देते रहे। पुलिस ने बताया कि लूटी गई कुल राशि को लेकर अभी भी संशय है, क्योंकि शिकायतकर्ता और राघव दोनों ही सटीक आंकड़ा बताने में असमर्थ हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
लुधियाना में 47 लाख की लूट का मामला सुलझा:महिला साथी और मामा सहित पुराना वर्कर काबू,आरोपी बोला-बदले की भावना से की वारदात
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