जालंधर| जालंधर कैंट ईदगाह मामला अब लोकसभा तक पहुंच चुका है। बुधवार को सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद में इस मामले पर बोलते हुए कैंट बोर्ड द्वारा की गई कार्रवाई को अल्पसंख्यकों पर हमला बताया। उन्होंने कहा िक साल 1909 से यहां मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे हैं। सरकार के 1995 के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह जगह मुस्लिम समुदाय को दान की गई है, लेकिन अब कैंटोनमैंट बोर्ड नोटिस जारी कर 10 दिनों के भीतर जगह खाली करने के लिए कह रहा है। उन्होंने इसे मुस्लिम समुदाय को नमाज पढ़ने से रोकने का प्रयास करार देते हुए सरकार से हस्ताक्षेप करने और नोटिस रद्द करने की मांग की। बता दें कि पिछले कई दिनों से कैंट ईदगाह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। मुस्लिम समुदाय और कैंटोनमैंट बोर्ड मामले में आमने-सामने हैं। इसके साथ ही उन्होंने जालंधर कैंट से जुड़े प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और पेरीफेरी रोड का मुद्दा भी संसद में रखा। उन्होंने कहा कि कैंट के 13 गांवों के आम लोगों समेत प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लेकर कई परेशानियां हैं। लोगों को अलॉट की गई जगह की रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवा पा रहे हैं। इस समस्या को हल करते हुए केंद्र सरकार को आम लोगों को राहत देनी चाहिए। वहीं कैंट की वर्षों से लंबित पड़ी पेरीफेरी रोड को भी पूरा करने की जरूरत है। इस रोड के बनने से आम लोगों के साथ कैंटोनमैंट बोर्ड को भी फायदा होगा।
लोकसभा में उठा कैंट ईदगाह विवाद समेत प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और पेरीफेरी रोड का मुद्दा
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