लोगों को पूरा गेहूं बांटने के दिए निर्देश : डीसी

by Carbonmedia
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विक्की कुमार | अमृतसर फूड एंड सिविल सप्लाई विभाग की तरफ से जिले में नीले कार्डधारकों को गेहूं बांटे जाने का काम काफी धीमी रफ्तार में चल रहा है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण गेहूं बांटने में अमृतसर पूरे पंजाब में सबसे पीछे है। वैसे तो विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक गोदामों से नीले कार्डवालों के 34% गेहूं के गेट पास जारी कर दिए हैं, मगर यह सिर्फ कागजों में ही सीमित होकर रह गया। जबकि अभी तक 26 दिन में 10 % के करीब ही गेहूं बांटा जा सका है। विभाग के पोर्टल के मुताबिक जिले में अलग-अलग सेंटरों के लिए 16863 क्विंटल गेहूं के गेट पास तो जारी कर दिए गए, लेकिन इन्हें रिसीव ही नहीं किया गया। यानि यह लोगों में बांटा ही नहीं गया है और इनकी पर्चियां पहले ही काट दी गई हैं। 12 जून तक का यह आंकड़ा विभाग के पोर्टल पर दिखाया गया है। साफ है कि विभाग गेहूं बांटने में कम अपना रिकार्ड और विभाग के उच्चाधिकारियों को जवाब देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है। जबकि गेहूं बांटने में कम ध्यान दिया जा रहा है। बता दें कि विभाग की ओर से 19 मई के करीब जिले के नीले कार्डधारकों के लिए 3 महीनें का गेहूं जारी किया गया था। अप्रैल, मई और जून महीने के लिए यह गेहूं जारी किया गया था और इसकी अंतिम तारीख 30 जून रखी गई है। विभाग के गोदामों में काम करने वाली लेबर पिछले 3 दिनों से हड़ताल पर चली गई है। जिसके चलते अब गोदामों में लोडिंग और अनलोडिंग का काम रुक गया है। लेबर मांग कर रही है कि उनकी मजदूरी बढ़ाई जाए। विभाग की ओर से रोजाना जो भी काम किया जाता है, उसे पोर्टल पर अपडेट किया जाता है। दैनिक भास्कर ने विभाग के पोर्टल को चेक किया तो देखा कि विभाग की ओर से अजनाला सेंटर के लिए 2584,85, अमृतसर के लिए 2200.41, अटारी के लिए 397, भगतांवाला के लिए 767.55, छेहर्टा 968.29, चौगावां के लिए 1770.5, गुमटाला के लिए 220, हर्षाछीना के लिए 784.65, जंडियाला के लिए 1738.19, कत्थूनंगल के लिए 273.49, तरसिक्का के लिए 1187.7 क्विंटल गेहूं जारी की गई है, लेकिन इसे बांटा नहीं गया है। डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी का कहना है कि गेहूं बांटने के लिए विभाग को साफ हिदायतें दी गई हैं कि कोई भी सरकारी गेहूं से वंचित न रहे। अगर ऐसा होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी। उन्होंने कहा कि अभी तक करीब 40 प्रतिशत गेहूं बांटी जा चुकी है। गेहूं न बांटने का एक कारण यह भी है कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से इस बार ट्रांसपोर्टेशन नहीं मिल पा रही है। विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से पिछले लंबे समय से एक ही ठेकेदार को ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिया जाता रहा है, जबकि उसके पास गिनती के 4-5 ट्रक ही हैं। बाकी के ट्रक वह अन्य किसी ठेकेदार से लेता था, जिसकी पेमंट न होने के कारण इस बार ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो पा रही है और शहरों में गेहूं नहीं पहुंच पा रहा है। यह भी एक बड़ा सवाल है कि एक ही ठेकेदार को पिछले लंबे समय से इतना बड़ा टेंडर किस आधार पर विभाग के अधिकारियों की तरफ से दिया जाता रहा है। यह भी एक बड़ा सवाल है कि एक ही ठेकेदार को पिछले लंबे समय से इतना बड़ा टेंडर किस आधार पर विभाग के अधिकारियों की तरफ से दिया जाता रहा है। यह एक बड़ी जांच का विषय है। विभाग की ओर से रोजाना ही पंजाब के अलग-अलग जिलों में गेहूं बांटने की एक रिपोर्ट जारी की जाती है, जिसमें बताया जाता है कि किस जिले में कितना गेहूं नीले कार्डधारकों को बांटा जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक लुधियाना ईस्ट ने 91.46 प्रतिशत गेहूं बांट भी दिया है। मानसा ने 98.94, फतेहगढ़ साहिब ने 84.47, बठिंडा ने 84.07, बरनाला ने 83.34, रूपनगर ने 82.93, लुधियाना वेस्ट ने 82.15, श्री मुक्तसर साहिब ने 79.74, पटियाला ने 73.92, पठानकोट ने 73.84, फरीदकोट ने 72.49, संगरूर ने 69.75, एसबीएस नगर ने 68.43, एसएस नगर ने 67.53, होशियारपुर ने 62.58, मोगा ने 60.68, जालंधर ने 59.23, तरनतारन ने 57.07, फाजिल्का ने 50.68, फिरोजपुर ने 47.86, कपूरथला ने 45.86, गुरदासपुर ने 38.41, मालेरकोटला ने 36.74 और अमृतसर ने 34.06 % गेहूं बांटने का दावा किया है।

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