वाराणसी में स्थित पूर्वांचल के सबसे बड़े दालमंडी बाजार में शासन के दिशा निर्देश पर चौड़ीकरण अभियान चलाया जाएगा, जिसके माध्यम से लोगों को काशी विश्वनाथ मंदिर जाने के लिए एक सुगम मार्ग मिल सके. जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अभियान को पूर्ण करने के लिए अपनी सभी तैयारी लगभग पूरी कर ली है.
वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोग दुकानदार इस चौड़ीकरण अभियान से पूरी तरह असहमत नजर आ रहे हैं. वहीं यह दालमंडी बाजार सस्ते सामानों की खरीदारी के साथ-साथ संगीत प्रेमीयों, नामचीन हस्तियों की पहचान और राजनेताओं के कपड़े सिले जाने के लिए भी मशहूर रहा है.
पुराना है बाजार का इतिहासस्थानीय निवासी शकील अहमद दालमंडी के बारे में बताते हैं कि सैकड़ो वर्ष पुराना इस बाजार का इतिहास रहा है. संकरी गलियां और ऊंची इमारत से यहां अनेक ऐसे लोग जुड़े रहे हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं.
सबसे पहले यहां पर बर्तन, स्टोव, गैस लालटेन, चूल्हा की दुकान थी लेकिन समय बदलने के साथ कपड़ा शादी विवाह के समान घरों में दैनिक उपयोग होने वाले समान, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचे जाने लगे. इसमें कोई शक नहीं की त्योहार और शादी वाले सीजन में यहां लाखों – करोड़ों का व्यापार होता रहा है.
दाल मंडी था कभी संगीत प्रेमियों का अड्डावही दाल मंडी संगीत प्रेमियों और कलाकारों का सबसे बड़ा अड्डा भी माना जाता रहा है. भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, लच्छू महाराज, भागीरथी देवी, नरगिस की मां जद्दन तक इस दालमंडी से जुड़े रहे हैं. यहां और आसपास के क्षेत्र में फिल्मों की शूटिंग भी होती थी. जाने माने फ़िल्म अभिनेता गोविंदा के परिजन भी यहां रहते थे.
नामचीन हस्तियों के सिले जाते थे कपड़े शकील बताते हैं कि आज भी दालमंडी का क्षेत्र कपड़े व्यवसाय के लिए एक प्रमुख केंद्र माना जाता है. यहां न सिर्फ आम आदमी बल्कि देश के राजनीतिक क्षेत्रों के नामचीन हस्तियों का भी कपड़ा सिला जाता था.
दशकों पहले न सिर्फ वाराणसी से बल्कि लखनऊ से लेकर दिल्ली तक के राजनेताओं का कपड़ा यहां के मनु मास्टर सिलकर देते थे. अब बारिश के बाद यहां पर चौड़ीकरण अभियान चलाए जाना तय किया गया है जिसके बाद श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम लोगों को भी एक सुगम मार्ग मिल सके.
वाराणसी: दालमंडी कभी था संगीत प्रेमियों का अड्डा, फिल्मों की भी होती थी शूटिंग
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