मशहूर शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति को राजस्थान की कोर्ट ने न्यायपालिका पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को तलब किया है. उन्हें 22 जुलाई को अजमेर कोर्ट में पेश होना होगा. ‘जज बनाम आईएएस में कौन ज्यादा ताकतवर’ टॉपिक को लेकर उन्होंने छात्रों को क्लास दिया था. उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने न्यायपालिका और वकीलों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने इसकी जानकारी दी.
विकास दिव्यकीर्ति को राजस्थान कोर्ट की ओर से तलब किए जाने पर एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने कहा, “दृष्टि आईएएस के डायरेक्टर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपनी क्लास में छात्रों से पूछा कि कौन बड़ा है: एक जज या एक आईएएस. उन्होंने एक वीडियो भी अपलोड किया जिसमें उन्होंने अदालतों और वकीलों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की. उन्होंने हास्यास्पद तरीके से टिप्पणी करके न्यायपालिका और वकीलों की गरिमा भंग की, इससे वकीलों की मानहानि हुई.”
#WATCH | Ajmer, Rajasthan: On Rajasthan Court summoning Drishti IAS Founder Vikas Divyakirti over alleged derogatory remarks on judiciary, Advocate Ashok Singh Rawat says, “Dr. Vikas Divyakirti asked his students in his class who is bigger: a judge or an IAS. He also uploaded a… pic.twitter.com/gfLsivpCk1
— ANI (@ANI) July 11, 2025
22 जुलाई को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश
उन्होंने आगे बताया, ”उस वीडियो को देखकर साथी एडवोकेट कमलेश मंडोलिया की ओर से न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल की अदालत में एक शिकायत दी गई. हमने वीडियो और सबूतों के आधार पर तर्क दिया कि इसने न्यायपालिका और वकीलों की गरिमा का उल्लंघन किया है और उनका अपमान किया है. इस पर कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया.”
मई में दी गई थी विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ शिकायत
एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने जानकारी देते हुए ये भी कहा कि मई के अंदर अदालत में हमने शिकायत दी थी. उसके बाद हमने सबूत पेश किया और बयान कराए. विवादित वीडियो को भी हमने कोर्ट में पेश किया, उसके बाद अदालत ने इस पर संज्ञान लिया.