विटामिन बी12 की कमी को पूरा कर सकता है वीगन फूड, इस तरह करें डाइट में शामिल

by Carbonmedia
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थकान, चक्कर आना या फिर भूलने की दिक्कत, ये शरीर में विटामिन बी12 की कमी के लक्षण हैं. पिछले कुछ समय में देखा गया है कि डाइट में एनिमल और डेयरी प्रोडक्ट को भरपूर शामिल करने वालों में इसकी कमी पाई गई है. ऐसे में क्या न्यूटि्रशन यीस्ट और वीगन डाइट विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने का एक अच्छा ऑप्शन है? इस सवाल ने लोगों का ध्यान आक​र्षित किया है. आइए जानते हैं कि ये किस तरह विटामिन बी 12 की डेफि​शिएंसी से बचाने में कारगर साबित हो सकते हैं.


न्यूट्रिशन यीस्ट की इंपोर्टेंस


हेल्थ एक्सपर्टस की मानें तो न्यूट्रिशन यीस्ट प्रोटीन, फाइबर और बी विटामिन के पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिसमें बी12 प्रमुख है. ये पाउडर और फ्लेक के रूप में अवेलेबल है. हालांकि यह पशु उत्पादों में पाए जाने वाले बी12 का पूर्ण विकल्प नहीं है, लेकिन न्यूटि्रशन यीस्ट के कई ब्रांड इस आवश्यक विटामिन से भरपूर होते हैं. ये वि​भिन्न डिशेज के टेस्ट को बढ़ा सकता है. जिससे वीगन डाइट अपनाने वालों के बीच ये लोकप्रिय विकल्प बन जाता है.


डाइट में कैसे करें शामिल?


डेली डाइट में न्यूट्रिशन यीस्ट को शामिल किया जा सकता है. इसे डिशेज का टेस्ट एनहेंस करने के लिए चटनी, सलाद, करी या सूप में यूज किया जा सकता है. साथ ही सैंडविच या पास्ता में पनीर के विकल्प के रूप में भी परोस सकते हैं, जो डेयरी प्रोडक्ट के बिना एक मलाईदार बनावट प्रदान करने में मदद करता है. इससे विटामिन बी 12 की कमी को दूर किया जा सकता है. हालांकि सूजन, चिड़चिड़ा या आंत सिंड्रोम ( इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) के लक्षण दिखें तो अन्य ऑप्शन तलाशने के लिए डाइट एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए.


विटामिन बी-12 की कमी को पूरा करने के लिए बेस्ट फूड


हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो एनिमल ऑर्गन मीट जैसे किडनी और लीवर, फिश और सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट (जैसे दूध और पनीर), अंडे और प्लांट बेस्ड मिल्क, न्यूटि्रशन यीस्ट बी 12 की कमी को पूरा करने में मददगार हैं.


विटामिन बी-12 की कमी से होती हैं ये दिक्कत


विटामिन बी-12 की कमी से कई तरह की समस्या हो सकती हैं. इसके कारण खून की कमी यानि एनीमिया हो सकता है. इस कमी से नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस होती है. इसके अलावा मांसपेशियों की कमजोरी, थकान, चक्कर आना, और मेमोरी कमजोर होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं. बच्चों में बी-12 की कमी से विकास में रुकावट आ सकती है और उनके फोकस करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है.


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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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