Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियां तैयारी में जुटी हैं. अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है. सरगर्मी तेज है. सूबे की सियासत जाति के इर्द-गिर्द घूमती है. विकास और मुद्दे की बात सियासी दल कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर एनडीए एवं महागठबंधन में शामिल दल जातीय समीकरण को भी साधने में लगा है. इसी क्रम में बीजेपी ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय को दलित वोट साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.
20 जून से 31 जुलाई तक बिहार भर में चलेगा कार्यक्रम
दरअसल, आगामी चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने दलित कार्ड खेल दिया है. बीजेपी की ओर से बिहार के सभी जिलों में संत रविदास सम्मेलन सह सम्मान समारोह आयोजन करने का निर्णय लिया गया है. 20 जून से 31 जुलाई तक यह कार्यक्रम चलेगा. 20 जून को बेगूसराय, 22 को समस्तीपुर, 25 को मधुबनी, 29 को बगहा और भागलपुर, 30 को सहरसा, छह जुलाई को मुजफ्फरपुर और सीवान, सात को दरभंगा, 13 को गया, 16 को बांका, 18 को अरवल, 20 को खगड़िया एवं सीतामढ़ी और 31 जुलाई को गोपालगंज में यह सम्मेलन होगा.
पटना की तारीख अभी तय नहीं
पटना में भी बड़ा समारोह होना है जिसकी तिथि सामने जल्द आएगी. अब तारीख तय नहीं की गई है. राज्य में रविदास समाज की आबादी करीब 5 फीसद के आसपास है. पूरे दलित आबादी की बात करें तो यह 19 फीसद है.
बता दें कि इन कार्यक्रमों के जरिए बीजेपी यह बताने की कोशिश करेगी कि कांग्रेस ने अपने 65 साल के शासनकाल में रविदास समाज के विकास के लिए कुछ नहीं किया. यह बताया जाएगा कि बिहार एवं केंद्र की एनडीए सरकार ने रविदास समाज के लोगों के लिए क्या कुछ किया है. क्या योजनाएं चलाई जा रही हैं. एनडीए सरकार के कारण उनके जीवन में क्या बदलाव आया?
इस तरह की रणनीति पर काम करने से चुनाव में एनडीए को कितना लाभ होगा यह समय बताएगा, लेकिन जातीय समीकरण पर तमाम दलों की नजरें टिकी हुई हैं कि कैसे उनको अपने पक्ष में लामबंद किया जाए. यह तय है कि बीजेपी दलित वोटों को साधने में जुट गई है.
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