बिहार में चल रही विशेष मतदाता सत्यापन प्रक्रिया यानी SIR का पहला चरण पूरा होने में अब केवल दो दिन का समय बचा है. शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण समाप्त हो जाएगा और पुनरीक्षण प्रक्रिया के पहले चरण के तहत 56 लाख मतदाताओं का नाम बिहार मतदाता सूची से कटना तय है.
चुनाव आयोग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बिहार के 56 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम एक अगस्त को आने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं होंगे. मुमकिन है कि अगले दो दिनों के दौरान ये आंकड़ा और बढ़ जाए. पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान इन 56 लाख से अधिक मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए. इनमें मृत मतदाता, स्थानांतरित मतदाता, ऐसे मतदाता जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं और ऐसे मतदाता जिनका पता ही नहीं चल सका, का नाम शामिल है.
बिहार वोटर SIR के तहत सामने आया आंकड़ा
भारतीय चुनाव आयोग की तरफ से जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक,
करीब 20 लाख मतदाता मृत पाए गए
करीब 28 लाख मतदाता स्थानांतरित हो चुके हैं
7 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं
1 लाख से ज्यादा ऐसे मतदाता हैं, जिनका पता नहीं चल पाया है
इन आंकड़ों के आधार पर ये कुल संख्या 56 लाख से ज्यादा मतदाताओं की है. हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) सत्यापन प्रक्रिया के तहत अब तक बिहार के कुल मतदाता संख्या के 98.01 प्रतिशत का सत्यापन कर चुका है और इनमें से 90.89 प्रतिशत यानी करीब 7.17 करोड़ फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं.
15 लाख मतदाताओं ने नहीं भरे अपने फॉर्म
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अब आखिरी दो दिन बचें हैं, लेकिन अभी तक करीब दो प्रतिशत यानी करीब 15 लाख मतदाता ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक अपना गणना फॉर्म नहीं भरा है. हालांकि, चुनाव आयोग की तरफ नियुक्त BLO राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त BLA के साथ मिलकर ऐसी सभी मतदाताओं के बारे में जानकारी जुटाने का काम कर रहे हैं, जिनके बारे में अब तक जानकारी नहीं मिली है. ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त BLA की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ये फैसला करेगा कि किन मतदाताओं के नाम 1 अगस्त को आने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे.
यह भी पढ़ेंः बिहार SIR, पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए अड़ा रहा विपक्ष, नहीं चल पाई संसद; कल तक स्थगित