उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का सिंडिकेट चलाने वाले छांगुर के करीबी आरोपी बदरअली सिद्दीकी के पिता महमूद अख्तर का कहना है कि उनके परिवार ने कई सालों पहले ही उससे नाता तोड़ दिया था. वो आखिरी बार उससे तब मिले थे जब वो एक लड़की को घर लेकर आया था. जिसके बाद उन्होंने उसे घर से निकाल दिया, पिता ने कहा कि ऐसी औलाद होने से बेहतर है कि हमारी कोई औलाद ही नहीं होती.
पिता महमूद अख्तर ने कहा कि वो खुद सालों से बीमार हैं और उन्हें बेटे की कोई जानकारी नहीं है. उनका बेटे से साल 2019 के बाद से ही कोई संपर्क नहीं है. बदर क्या कर रहा है उसकी गतिविधियों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. पिता ने बताया कि वो आखिरी बार बदर से उस वक्त मिले थे जब वो घर पर एक लड़की को लेकर आया था. हमने उसी वक्त उसे घर से निकाल दिया था और उसके बाद अपने मोबाइल नंबर तक बदल दिए. अब वो हमारा कुछ नहीं लगता है.
कानून के मुताबिक मिले बेटे को सजाबदर की मां ने अवैध धर्मांतरण मामले में उसका नाम सामने आने पर कहा कि उसने जो किया है उसकी कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए. हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है. हमने उस लड़की को उसके मां-बाप को सौंप दिया था. परिजनों ने साफ किया कि बदर ने बिना बताए शादी की थी और मामा की लड़की से शादी जैसी बात भी गलत है.
परिजनों ने इस बात से भी इनकार किया कि वो छांगुर को जानते हैं. उन्होंने कहा कि हमने ये नाम पहली बार सुना है. बता दें, बदर पर झांगुर बाबा के साथ मिलकर युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराने और एक लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करने का आरोप है. बदर के माता पिता ने कहा कि वो इस मामले में प्रशासन का पूरा सहयोग करने को तैयार है. उनके बेटे ने अगर ग़लत किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए.
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‘वो घर पर एक लड़की लाया था..’, धर्मांतरण के आरोपी बदरअली सिद्दिकी के पिता का बड़ा बयान
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