चुनाव आयोग (ECI) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि वह या तो नियमों के अनुसार स्पष्ट घोषणा (Declaration) और शपथ पत्र प्रस्तुत करें, या फिर अपने झूठे और भ्रामक आरोपों के लिए देश से सार्वजनिक माफी मांगें.
दरअसल, राहुल गांधी ने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिन पर अब चुनाव आयोग ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. आयोग का कहना है कि राहुल गांधी ने आदित्य श्रीवास्तव के मामले का ज़िक्र किया, जबकि इस मामले में 2018 में ही कार्रवाई हो चुकी है.
‘कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं’
चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और इससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने की कोशिश की गई है. आयोग ने साफ किया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बनाए रखने के लिए नेताओं को तथ्यों और सबूतों के साथ ही बयान देने चाहिए.
आयोग ने यह भी जोड़ा कि अगर राहुल गांधी के पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए आधिकारिक घोषणा या साक्ष्य है तो उन्हें तुरंत प्रस्तुत करें, अन्यथा उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए थे?
राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज़्यादा फ़र्ज़ी मतदाता थे. उन्होंने कहा कम से कम एक ऐसा मतदाता जो कि दो मतदान केंद्रों पर पंजीकृत था और उसने दोनों ही जगहों पर मतदान किया.
उन्होंने वोटिंग लिस्ट के कुछ हिस्सों की स्लाइड्स दिखाते हुए कथित तौर पर बताया कि एक ही वोटर का कई बार पंजीकरण हुआ है और पते गलत हैं. एक कमरे वाले मकान में 80 लोगों का पंजीकरण हुआ है और महादेवपुरा के मतदाता दूसरे राज्यों में भी पंजीकृत हैं.
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