Yograj Singh on Vinod Kambli: विनोद कांबली ने जब साल 1991 में अपना इंटरनेशनल क्रिकेट डेब्यू किया, तब उनकी बैटिंग चर्चा में बनी रहती थी. टेस्ट में 54 का औसत, वहीं 100 से अधिक वनडे मैचों का अनुभव रखने वाले कांबली जहां एक महान बल्लेबाज बनने की ओर अग्रसर थे, वहां उनका करियर बहुत जल्दी समाप्त हो गया. वो खुद शराब की लत और देर रात तक पार्टी जैसी आदतों को स्वीकार कर चुके हैं. अब युवराज सिंह के पिता, योगराज सिंह ने खुलासा किया है कि उन्होंने विनोद कांबली को अपने करियर पर ध्यान देने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने सलाह को गंभीरता से नहीं लिया.
इनसाइड स्पोर्ट से बात करते हुए योगराज सिंह ने बताया, “मैंने विनोद कांबली से एक बार कहा था, ‘ये पार्टियां, सिगरेट फूंकना, लड़कियों के पास जाना ये सब बंद कर दो वरना तुम्हारा करियर खत्म हो जाएगा और तुम रो रहे होगे. अब देखिए, उनके साथ क्या हुआ. मैं उनसे बात की, जवाब में उन्होंने मुझसे कहा, ‘सर आपका टाइम चला गया.’ वो यह सोचता था कि वही किंग है. आप क्रिकेट से बड़े नहीं हो सकते.”
बिगड़ गया था स्वास्थ्य
कुछ महीनों पहले विनोद कांबली अपने खराब स्वास्थ्य के कारण चर्चा का विषय बने थे. 52 वर्षीय कांबली कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और दिसंबर 2024 में उन्हें आकृति अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उन्हें यूरीन इन्फेक्शन की समस्या थी, इसके साथ ही वो आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं. भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के फाउंडेशन ने विनोद कांबली के इलाज के लिए उनकी आर्थिक सहायता की थी.
विनोद कांबली का करियर
विनोद कांबली के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर पर नजर डालें तो उन्होंने 103 वनडे मैचों में 2 शतक और 14 फिफ्टी समेत 2,477 रन बनाए थे. वहीं 17 मैचों के टेस्ट करियर में उन्होंने 1,084 रन बनाए, जिनमें 4 शतक और तीन अर्धशतकीय पारी शामिल रहीं. कांबली आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज एक हजार रन पूरे करने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं.
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