शरीर के इन हिस्सों में दर्द तो हो जाएं सावधान, हो सकता है कैंसर का लक्षण

by Carbonmedia
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नॉर्मल पेन और परसिस्टेंट पेन के बीच डिफरेंस को समझना बहुत जरूरी है. अगर आपकी बॉडी के किसी भी हिस्से में, जैसे कि बैक, एब्डोमेन, हेड, हड्डियों या चेस्ट में लगातार दर्द बना रहता है और वह बिना किसी वजह के शुरू हो जाए या रात में आपको जगाए रखे, तो उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए.
कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. दिनेश मंगल बताते हैं कि बॉडी के अलग-अलग हिस्सों में दर्द सिर्फ स्ट्रेस या खराब पोस्चर की वजह से नहीं, बल्कि कैंसर जैसे किसी सीरियस इशू का भी सिम्टम हो सकता है. ऐसे पेन के साथ अगर वेट लॉस, थकान या भूख न लगने जैसे रेड फ्लैग्स भी दिखें, तो फौरन डॉक्टर से कंसल्ट करें, क्योंकि आपकी बॉडी का यह अलार्म सिस्टम किसी गंभीर समस्या का सिग्नल हो सकता है. हम आपको ऐसे पांच बॉडी एरियाज के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां लगातार बना रहने वाला दर्द कैंसर का लक्षण हो सकता है.
बैक पेन:  बैक पेन एक कॉमन प्रॉब्लम है. लैपटॉप पर काम करने या गलत तरह से बैठने की वजह से 80% लोगों को कभी न कभी यह होता है. लेकिन, अगर आपका बैक पेन गहरा, लगातार बना रहने वाला और रेस्ट या मेडिकेशन से ठीक नहीं हो रहा है, तो यह कुछ और हो सकता है. रेयर केसेस में, बैक पेन पैंक्रियाटिक कैंसर, ब्रेस्ट, लंग या प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर का सिम्टम हो सकता है. 
एब्डोमिनल पेन: गैस, ब्लोटिंग और एब्डोमिनल क्रैम्प्स कई इनोसेंट वजहों से हो सकते हैं, जैसे ज्यादा कॉफी या जंक फूड. लेकिन, जब पेट की प्रॉब्लम बनी रहे या टाइम के साथ और खराब हो जाए, तो डीप इन्वेस्टिगेशन की जरूरत है. कई तरह के कैंसर लगातार एब्डोमिनल या पेल्विक पेन का कारण बन सकते हैं, जैसे  ओवेरियन कैंसर, कोलन कैंसर और लिवर कैंसर.
सिरदर्द: हम सबको सिरदर्द होता है,  लेकिन परसिस्टेंट या नए तरह का हेडेक जो नॉर्मल मेडिसन से ठीक न हो, एक वार्निंग साइन हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर दोनों बिनाइन और मैलिग्नेंट प्रेशर की वजह से सिरदर्द का कारण हो सकते हैं, जो सुबह या लेटते समय खराब हो सकता है.
बोन या जॉइंट पेन:  आपके लेग या शोल्डर में पेन? यह एक लंबी वॉक या पुलड मसल की वजह से हो सकता है. लेकिन अगर पेन बना रहे, खासकर रेस्ट के टाइम, तो यह किसी सीरियस प्रॉब्लम का इंडिकेशन हो सकता है. बोन पेन को अक्सर एक गहरा, एकिंग डिस्कम्फर्ट बताया जाता है. यह रात में और खराब हो सकता है और मूवमेंट से हमेशा इंप्रूव नहीं होता.
चेस्ट पेन:  चेस्ट पेन सुनकर लोग अक्सर हार्ट अटैक के बारे में सोचते हैं, जो कि सही भी है. हालांकि, अगर  हार्ट की जांच हो चुकी है और चेस्ट में टाइटनेस, भारीपन या डल एक बना रहता है, तो दूसरे कॉज पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें कैंसर भी शामिल है. लंग कैंसर, खासतौर पर चेस्ट में डिस्कम्फर्ट कॉज कर सकता है.
क्यों इग्नोर नहीं करें परसिस्टेंट पेन?
दर्द आपकी बॉडी का अलार्म सिस्टम है और जैसे किसी भी अलार्म के साथ होता है. यह बिना वजह नहीं बजता. परसिस्टेंट पेन का मतलब यह नहीं है कि आपको कैंसर है, लेकिन इसका मतलब यह है कि आपकी बॉडी कुछ बताने की कोशिश कर रही है. अगर आपको ऐसा कोई पेन है, जो 2-3 हफ्तों से ज्यादा हो रहा हो. लगातार खराब हो रहा हो या आपकी नींद में डिस्टर्बेंस दे रहा हो. थकान , वेट लॉस या भूख न लगने जैसे दूसरे लक्षण के साथ हो. तो सिर्फ पेनकिलर लेकर इंतजार न करें. अपनी बॉडी की सुनें और डॉक्टर से कंसल्ट करें. प्रिकॉशन लेना ही सबसे स्मार्ट तरीका है.
ये भी पढ़ें: साइलेंट डेंजर है लीकी हार्ट वॉल्व, डॉक्टर से समझें इसके लक्षण-खतरे और बचाव
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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