‘शहरी निकायों में भी लोकसभा और विधानसभा…’, राष्ट्रीय सम्मेलन में क्या बोले स्पीकर ओम बिरला?

by Carbonmedia
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Haryana News: हरियाणा के मानेसर में शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार को हुई. इस खास मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण मंच पर पहुंचे और सम्मेलन की शुरुआत की.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में हरियाणा सरकार पूरी तरह से समर्पित है. उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय लोकतंत्र की पहली पाठशाला होते हैं और इन निकायों को मजबूत करके ही सशक्त भारत की नींव रखी जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में शहरों के विकास और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई बड़ी योजनाएं चल रही हैं. उन्होंने 180 किलोमीटर लंबे KNP कॉरिडोर का ज़िक्र किया, जिस पर 2050 तक का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दिशा में ई-गवर्नेंस, GIS मैपिंग और स्वामित्व योजना जैसे तकनीकी उपायों से काम किया जा रहा है. पर्यावरण और विकास में संतुलन बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार बायो-CNG और सर्कुलर इकोनॉमी जैसी पहलों को भी बढ़ावा दे रही है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हर शहर स्लम मुक्त हो और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 4 करोड़ से अधिक मकान बनाकर लोगों को दिए जा चुके हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिया सदन में चर्चा पर जोर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शहरों के विकास के लिए सभी को मिलकर सोचने और काम करने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि जनता का सबसे सीधा संपर्क शहरी निकायों से होता है, इसलिए अगर ये निकाय मजबूत होंगे तो लोकतंत्र भी मजबूत होगा. उन्होंने चिंता जताई कि कई नगर पालिकाओं में सालभर तक बैठकें नहीं होतीं. कुछ जगह केवल बजट पास करने के लिए आधे घंटे की बैठक होती है और उसमें भी हंगामे के बीच प्रस्ताव पारित कर दिए जाते हैं.
उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खराब परंपरा बताया. ओम बिरला ने कहा कि जैसे लोकसभा और विधानसभा में सदन चलते हैं, वैसी ही प्रक्रिया नगर निकायों में भी होनी चाहिए जिसमें प्रश्नकाल, शून्यकाल और विचार-विमर्श की व्यवस्था हो. उन्होंने बताया कि पहले लोकसभा में शोर-शराबे के कारण सदन बार-बार स्थगित हो जाता था, लेकिन 18वीं लोकसभा में सभी दलों ने यह समझा कि सदन चलना चाहिए, जिससे जनता तक सही संदेश पहुंचे.
लोकसभा अध्यक्ष ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जैसे हम विदेशों में गंदगी नहीं फैलाते, वैसे ही अपने देश के लिए भी सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शहरों को जनआंदोलन के माध्यम से बदला जा सकता है. बिरला ने 33% महिला आरक्षण लागू होने को लेकर कहा कि महिलाओं को राजनीतिक नेतृत्व में और ज़्यादा सक्रिय भूमिका निभानी होगी.
मानेसर में आयोजित यह सम्मेलन न सिर्फ़ नगर निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि यह विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ने का ठोस प्रयास भी है. इससे यह संदेश साफ है कि शहरों के विकास में स्थानीय निकायों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है और उन्हें ज़्यादा सक्रिय, जिम्मेदार और पारदर्शी बनाया जाना ज़रूरी है.

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