शहर में दो गुना से ज्यादा हुए फंगल इंफेक्शन के मरीज

by Carbonmedia
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कपिल कुमार | जालंधर भीषण गर्मी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पारा 46 डिग्री पहुंच गया है। इसका सीधा असर भी शरीर पर दिखने लगा है। सनबर्न के साथ ही पसीने से लोग फंगल इंफेक्शन (दाद) की बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। सिविल अस्पताल की चर्म रोग ओपीडी में 150 से ज्यादा मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। इनमें 100 मरीज फंगल बीमारी से ग्रसित हैं। 30 से 35 सनबर्न के मरीज पहुंच रहे हैं। फरवरी और मार्च में चर्म रोग की ओपीडी में 100 मरीज आते थे। इसमें फंगल इंफेक्शन के 35 से 40 मरीज आते थे। भीषण गर्मी होने से सिविल अस्पताल की चर्म रोग की ओपीडी में मरीजों का ग्राफ बढ़ गया है। इसमें शरीर पर पसीना आने से घमौरियां, फंगल, सफेद दाग, खुजली आदि की परेशानी हो रही है। फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें। ढीले कपड़े पहनें और धूप से बचाव करें। सिविल अस्पताल में दैनिक भास्कर ने जब चर्म रोग विशेष डॉ. तेजश्वी से फंगल इंफेक्शन को लेकर बात की, तो उन्होंने कहा कि गर्मी में सूर्य से अल्ट्रावायलेट किरणें निकलती हैं, जो त्वचा को जला देती हैं। – गर्मी में शरीर पर पसीना ज्यादा आता है, तो फंगल इंफेक्शन पनपता है – धूप में अधिक समय बिताने से फंगस का खतरा बढ़ता है – इस मौसम में फंगस को पनपने में मदद करता है पिम्स के चर्म रोग विभाग के हेड डॉ. आरएल बस्सन ने कहा कि गर्मी में पसीना आने से फंगल इंफेक्शन के मरीजों का ग्राफ बढ़ जाता है। चर्म रोग की ओपीडी में 70 से 80 मरीज इलाज को आते हैं। इसमें अधिक मरीज फंगल बीमारी के पहुंच रहे हैं। बारिश होने पर फंगल इंफेक्शन के मरीजों का ग्राफ और बढ़ जाएगा। – गर्मियों में सफेद ढीले-ढाले और फूल बाजू के कपड़े पहनें। – गर्मी में स्वच्छता का ध्यान रखें। – गंदी त्वचा में फंगस इंफेक्शन पनपने लगता हैं। इसलिए सफाई का ध्यान दें। – धूम में चश्मे का उपयोग करें – इंफेक्शन होने पर बगैर डॉक्टर्स की सलाह के दवा न लें।

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