MP News: जबलपुर में कथा के दौरान शादी को लेकर पूछे गए सवाल के बाद वीडियो वायरल होने के बाद एक युवक की हत्या कर दी गई. मृतक के पड़ोंसियों और ग्राम के लोगों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
सिहोरा के निकेटवर्ती ग्राम रिवंझा में अनुरुद्धाचार्य की कथा 3 मई से 10 मई तक हुई थी जिसमें इंद्रकुमार तिवारी ने शादी नहीं होने को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद जबलपुर के थाना मझौली ग्राम पड़वार निवासी से 17 मई से एक खुशी नाम की महिला फोन पर लगातार बात करने लगी, जिसके बाद 26 मई को एक युवक-युवती का भाई बनकर इंद्रकुमार के घर आया और उसने इंद्रकुमार को 6 जून को शादी का मुहूर्त होने की बात कर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश आने का बोलकर गया था.
युवक ने दुल्हन का भाई बनकर पहुंचे युवक को मझौली ले जाकर होटल में भोजन करा कर 11 सौ रुपये किराये के लिए भी दिया था. वहीं मृतक इंद्रकुमार के कुटुंब के चाचा हरिशंकर तिवारी ने बताया कि शादी की तैयारी में इंद्रकुमार ने 1 लाख 20 हजार रुपये के जेवर मझौली में ज्वेलर्स की दुकान से खरीदे जिसपर 13 हजार 8 सौ उधार भी किया था, जबकि घर में रखे पुराने जेवर भी लेकर गया, जिसकी जानकारी किसी को नहीं. साथ ही यह भी बताया कि करीब 40 हजार रुपये भी नकद लेकर गया था.
कैलाश तिवारी और सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि वह शादी कर रहा है और शादी खुशी, पिता संतोष कुमार निवासी गोरखपुर से पक्की हो गई और लड़की पक्ष के द्वारा जेवर मांगने की बात बताई थी जिसको लेकर सभी ने उसे समझाया था कि जेवर शादी के बाद भी दे सकते हो और लड़की पक्ष को यहीं बुला लो और शादी कर लो. जिसपर इंद्रकुमार बोलकर गया था कि शादी होने के बाद 6 जून को आ जाऊंगा फिर शादी होने की पार्टी सभी गांव वालों को दे दूंगा, जो 2 जून को घर से यूपी के गोरखपुर के लिए निकल गया था. युवती के साथ फोटो भी गांव में पड़ोसियों को भेजी थी.
यूपी जाने के बाद क्या हुआ ?मझौली के ग्राम पड़वार से जाने के बाद 5 जून सुबह 10 बजे पड़ोसी सुरेंद्र तिवारी और सेवानिवृत्त शिक्षक कैलास तिवारी ने फोन पर बात की, अगले दिन सुरेंद्र तिवारी ने फोन किया तो वहां से महिला ने फोन उठाया और बोली कि वो अभी बात नहीं कर पाएंगे, दोबारा फोन करने पर बोले कि वो सो रहे हैं. इस तरह से बात कराने की बात को टालते रहे. जब मृतक इंद्र कुमार का फोन बंद बताने लगा तो पड़ोसियों ने मझौली थाने में 8 जून को गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
मृतक की तलाश में गए थे पड़ोसी
इंद्रकुमार के पड़ोसी अजय तिवारी के पास 5 जून तक फोन आता रहा और फिर दूसरे दिन से फोन अचानक बंद हो गया. जिसपर अनहोनी का संदेह होने पर मझौली में रिपोर्ट दर्ज कराई. वहीं युवक की तलाश में कुटुंब के ही अजय तिवारी और मुकेश तिवारी उत्तरप्रदेश के गोरखपुर 26 जून को गए थे, जहां इंद्रकुमार की हत्या की बात सामने आई.,बनर्जी नाम से जाना जाता था मृतक कोग्राम के लोगों ने बताया कि इंद्रकुमार संस्कृत के अच्छे विद्वान थे और हाई स्कूल पड़वार में ही अथिति शिक्षक थे. संस्कृत भाषा का अच्छा ज्ञान होने की वजह से इंद्रकुमार तिवारी को सभी लोग बनर्जी के नाम से जानते थे. मृतक के पास 18 एकड़ जमीन है जिसपर खुद ही खेती करते थे.
परिवार के लिये संघर्ष
उनके पड़ोसी सतेंद्र उर्मलिया ने बताया कि इंद्रकुमार बचपन से ही माता पिता को खो दिए थे और सभी 4 अन्य भाई मृतक पर ही आश्रित थे. जिसमें सभी भाइयों की अन्य कारणों और बीमारी से मृत्यु हो गई.
जिसमें अभी एक छोटा भाई है लेकिन वह भी कुछ करने में सक्षम नहीं है, जिनकी सारी जिम्मेदारी मृतक के ऊपर थी. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सुबह उठकर भोजन बनाकर खेत चला था और वहां से आने कब बाद स्कूल जाता था और शाम को फिर खेत जाकर काम करता था और रात को भोजन बनाकर भाई को भी खिलाता था. इस तरह से मृतक का संघर्ष भरा दैनिक जीवन था जिसे वह एक आदर्श भाई के रूप में निभा रहा था.
8 जून को मृतक की गुमशुदगी थाना मझौली जबलपुर में दर्ज की गई थी वहीं 27 जून को थाना कुसीनगर उप्र. से जानकारी साझा की गई कि इंद्रकुमार की हत्या 5 जून को ही हो गई है, और कुछ संदेही पकड़े गए हैं. आगे जो कार्यवाही होगी साझा की जाएगी.
शादी के नाम पर लूट और हत्या, दुल्हन के लिए जेवर- नकद लेकर यूपी पहुंचा था जबलपुर का इंद्रकुमार
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