Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) में शुक्रवार (20 जून) को खूब हंगामा हुआ. दरअसल एक मंडी करसोग की महिला निर्मला ने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद अस्पताल पर उनको गायब करने जैसे गंभीर आरोप लगा दिए.
सूचना मिलते ही आनन-फानन में मामले की अस्पताल प्रबंधन और पुलिस ने छानबीन शुरू की लेकिन सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल जांच में महिला की कहानी अस्पताल प्रबंधन फर्जी बताई.
जुड़वां बच्चों की जन्म के तुरंत बाद मौत हो गईनिर्मला नाम की महिला ने दावा किया कि उसकी डिलीवरी अस्पताल के लेबर रूम में हुई और जुड़वां बच्चों की जन्म के तुरंत बाद मौत हो गई. आरोप लगाया गया कि अस्पताल ने बिना परिजनों की अनुमति के नवजातों को दफना दिया.
महिला की सास और अन्य रिश्तेदारों ने दावा किया कि उन्हें बच्चों की तस्वीरें भी दिखाई गई थीं, जो बाद में डॉक्टरों द्वारा डिलीट कर दी गईं. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर दस्तावेज छिपाने और नाम तक दर्ज न करने का आरोप लगाया.
परिवार नहीं दिखा पाया संबंधित दस्तावेजउधर अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर मामला फर्जी लग रहा है. विशेषज्ञ इसे स्यूडोसाइसिस से जुड़ा मामला बता रहे हैं, जिसमें कोई शख्स तथ्यों से परे झूठी कहानी गढ़ता है. अस्पताल के एमएस सुरेंद्र नेगी ने बताया कि इस मामले को समाज में महिलाओं पर बच्चों को जन्म देने के लिए डाले जाने वाले दबाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची थी. पुलिस ने महिला से अस्पताल से संबंधित दस्तावेज मांगे लेकिन परिवार वह नहीं दिखा पाया.
डॉक्टरों ने यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया लेकिन वह भी निगेटिव निकला. पुलिस महिला को दीनदयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल (डीडीयू) में मेडिकल करवाने के लिए ले गई है जिसकी रिपोर्ट के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. देर रात तक इस मामले को लेकर अस्पताल में हंगामा होता रहा.
शिमला अस्पताल में महिला ने किया नवजात गायब होने का दावा, अस्पताल प्रशासन ने सफाई में क्या कहा?
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