शिमला में आज प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए मेगा मॉक ड्रिल हुई। इस 9वें राज्य मेगा मॉक एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य आपदा के समय जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। मॉक ड्रिल रामपुर में एसडीएम हर्ष अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हुई। इस दौरान भूकंप के कारण सतलुज नदी में आई बाढ़ की परिकल्पना की गई। इस परिस्थिति में मकानों और स्कूलों में फंसे 24 लोगों को बचाव टीम ने रेस्क्यू किया। सभी को एम्बुलेंस से पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के मैदान में ले जाया गया। मेडिकल टीम ने प्राथमिक इलाज के बाद 7 लोगों को रेफर किया। एक व्यक्ति को मृत घोषित किया गया। 16 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। ड्रोन से बाढ़ में फंसे लोगों की तलाश करने के बारे में सिखाया
इस मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बाढ़ में फंसे लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। आगजनी जैसी आपदाओं में भवन से लोगों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास भी किया गया। एसडीएम और डीएसपी ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। मौजूद स्टूडेंट्स को आपदा के समय स्वयं का बचाव करने और सहायता के लिए संपर्क करने योग्य विभागों की जानकारी भी दी गई। कमांडेंट आईटीबीपी चन्द्र शेखर, तहसीलदार राजस्व परीक्षित कुमार, नायब तहसीलदार सुरेश नेगी, एनडीआरएफ व विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी इस दौरान मौजूद रहे।
शिमला में NDRF और ITBP की मॉकड्रिल:आपदा के समय बचाव के तरीके सिखाए, ड्रोन से रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया
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