शेफाली किन दवाओं का कर रही थी सेवन? जानें ये सेहत पर क्यों पड़ती है भारी

by Carbonmedia
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Medicines Taken by Saefal Jariwala: सुंदर दिखना किसे अच्छा नहीं लगता? खासकर जब आप ग्लैमर इंडस्ट्री में हों, तो हर समय फिट और यंग दिखना एक जरूरत बन जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस खूबसूरती की कीमत कोई अंदर ही अंदर अपनी सेहत से चुका रहा हो? हाल ही में एक्ट्रेस शिफाली जरीवाला को अचाकक कार्डियक अरेस्ट हुआ और उनकी मौत हो गई। इसके बाद से जानकारी मिल रही है कि, वे लंबे समय से एंटी-एजिंग वायल्स, विटामिन इंजेक्शन और गैस्ट्रिक की दवाएं ले रही थीं। ये जानकर भले ही आपको लगे कि वो अपनी सेहत का ध्यान रख रही थीं, लेकिन इन दवाओं के पीछे की सच्चाई कुछ और ही है। आइए जानते हैं कि इन दवाओं को लेने पर शरीर पर क्या असर पड़ता है।
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एंटी-एजिंग वायल्स
एंटी-एजिंग वायल्स यानी ऐसी दवाएं या इंजेक्शन जो त्वचा को जवान दिखाने, झुर्रियां कम करने और चेहरे पर ग्लो लाने का ली जाती है. इन वायल्स में अक्सर हॉर्मोनल कंपाउंड्स, कोलेजन बूस्टर्स या अन्य केमिकल्स होते हैं. 
हार्मोनल असंतुलन: ये वायल्स शरीर के प्राकृतिक हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं. 
लिवर पर प्रभाव: लंबे समय तक इनका उपयोग लिवर को डैमेज कर सकता है. 
त्वचा की प्राकृतिक बनावट बदल सकती है, जिससे समय के साथ स्किन पतली, संवेदनशील और डल हो जाती है. 
विटामिन इंजेक्शन
विटामिन इंजेक्शन्स आजकल फैशन बन गए हैं. थकावट दूर करने, एनर्जी पाने या इम्यून सिस्टम मजबूत करने के नाम पर लोग इन्हें नियमित रूप से लेने लगे हैं. लेकिन हर चीज़की एक लिमिट होती है. 
हाइपरविटामिनोसिस: यानी शरीर में किसी विशेष विटामिन की अधिकता. खासकर विटामिन A और D की अधिक मात्रा शरीर के लिए नुकसानदायक है. 
किडनी और लिवर पर दबाव: इंजेक्शन से विटामिन जल्दी शरीर में पहुंचता है, लेकिन उसकी प्रोसेसिंग और फिल्ट्रेशन किडनी व लिवर पर ज़ोर डालती है. 
इंजेक्शन से एलर्जी या रिएक्शन की संभावना भी बनी रहती है. 
गैस्ट्रिक की दवाएं
गैस की समस्या से राहत पाने के लिए लोग अकसर एंटासिड्स या प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स  जैसी दवाएं लेते हैं. लेकिन जब इनका नियमित इस्तेमाल होता है, तो फायदे कम और नुकसान ज्यादा करती है. 
पाचन तंत्र कमजोर होना: गैस्ट्रिक दवाएं पेट की एसिड को कम करती हैं, जिससे खाना सही से नहीं पचता. 
विटामिन बी12 की कमी: लंबे समय तक PPI दवाएं लेने से शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो सकती है, जिससे थकान, कमज़ोरी और नसों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. 
हड्डियों की कमजोरी: पेट की एसिडिटी कम होने से कैल्शियम का अवशोषण घट जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं. 
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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