भास्कर न्यूज | जालंधर पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ को देखते हुए मुस्लिम समाज ने एक ऐतिहासिक मिसाल कायम करते हुए सराहनीय कदम उठाया है। समाज इस बार 5 सितंबर को मनाए जाने वाले पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी पर शोभायात्रा (जलूस) नहीं निकालेगा। मुस्लिम समाज ने घोषणा की है कि जलूस और आयोजन पर होने वाला पूरा खर्च बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए इस्तेमाल होगा। ईदगाह सुन्नी शाही जामा मस्जिद कमेटी की ओर से उक्त फैसला लिया गया। प्रधान एडवोकेट नईम खान ने बुधवार को ईदगाह में कहा कि आज असली इबादत का मतलब बाढ़ पीड़ितों की मदद करना है। पैगंबर साहब की शिक्षा भी यही है कि इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा नेक काम है। इसलिए इस साल हम जश्न मनाने की बजाय उन परिवारों की तकलीफ बांटेंगे, जो बाढ़ से उजड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक उत्सवों में आमतौर पर बड़े-बड़े आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार पंजाब के मुस्लिम समाज ने यह दिखा दिया है कि किसी भी त्यौहार की असली रूह इंसान की सेवा और मदद में है। असल ईद-ए-मिलाद तभी सार्थक होगी, जब जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान होगी। मुस्लिम समाज ने लोगों से भी अपील की है कि वे इस नेक पहल में अपना सहयोग दें। कमेटी की ओर से राशन, कपड़े, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाया जा रहा है। यहां सैय्यद अली, इमाम अब्दुल सुभान साहब ईदगाह मस्जिद, मौलाना आशिक राजा मस्जिद बस्ती बाबा खेल, मौलाना जाकिर रिजवी, रहमत अली, प्रधान रजा ए मुस्तफा व मौलाना तालिब मस्जिद विजय कॉलोनी, ईशा बनारसी मस्जिद बस्ती दरवाजा, अकबर अली प्रधान उलेमा बोर्ड, आलम बस्ती दानिश मंदा, सकील भाई पक्का बाघ, बदरुल खान, सिकंदर शेख, बालागुल रहमान आदि मौजूद थे।
शोभायात्रा रद्द, ईद मिलादुन्नबी का पैसा करेंगे बाढ़ पीड़ितों के नाम
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