पंजाब के गुरदासपुर के मेजर तृप्तप्रीत सिंह को भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। गांव पहुंचने पर आज उनका भव्य स्वागत हुआ। उनके घर पहुंचने पर ढोल की थाप पर स्वागत हुआ। लोगों व परिवारिक मेंबरों ने फूलों और नोटों के हार पहनाएं। उन्होंने छह सफल ऑपरेशनों में नौ कट्टर आतंकियों का निपटारा किया था। ऐसे दिया था ऑपरेशन को अंजाम तृप्तप्रीत सिंह दिन सेना कौर 34 राइफल्स को 4 जनवरी 2074 को शोपियां जिले के एक गांव में एक आतंकवादी की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने टीम लीडर के रूप में मिशन की योजना बनाई और टारगेट तक पहुंचे। आतंकवादी को उसकी स्थिति छोड़ने के लिए मजबूर किया। लंबे समय तक गोलीबारी के बाद इंच-इंच आगे बढ़ते हुए ऑपरेशन में सफलता हासिल की। धैर्य बनाए रखा और गंभीर जानलेवा खतरे का सामना करते हुए एक घातक नजदीकी लड़ाई में कट्टर आतंकवादी को मार गिराया। बाद में मारे गए आतंकवादी की पहचान श्रेणी ‘ए’ के आतंकवादी के रूप में की गई। कर्तव्य की सीमा से परे विशिष्ट वीरता, अनुकरणीय नेतृत्व और निडरता प्रदर्शित करने तथा बिना किसी क्षति के एक कट्टर आतंकवादी को मार गिराने के लिए, मेजर तृप्तप्रीत सिंह को “शौर्य चक्र” से सम्मानित किया जाता है।
शौर्य चक्र विजेता मेजर तृप्तप्रीत पहुंचे गुरदासपुर:गांव पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत, ए कैटेगरी के आतंकियो को मारा
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