Prayagraj News: महाकुंभ 2025 को संपन्न हुए सौ दिन से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन संगम और उसके आसपास का इलाका अब प्रशासनिक उपेक्षा की तस्वीर बनता जा रहा है. जिन व्यवस्थाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे, वे अब जर्जर हालत में नज़र आने लगी हैं. महाकुंभ के दौरान सफाई व्यवस्था के लिए खरीदे गए 120 टिपर और 40 कॉम्पैक्टर वाहन परेड ग्राउंड में खुले में खड़े-खड़े खराब हो रहे हैं. जबकि यातायात और सुरक्षा के लिए खरीदी गई 75 इंटरसेप्टर बाइक विभिन्न जिलों में में बांट दी गई है
वहीं, संगम तट पर मौजूद वीआईपी घाट, मोटर बोट और फ्लोटिंग घाट जो महाकुंभ के दौरान सक्रिय थे, अब कबाड़ की शक्ल ले चुके हैं. घाटों पर गंदा पानी बह रहा है. टॉयलेट पूरी तरीके से बदहाल हो गए हैं, कई टॉयलेट उपयोग के लायक नहीं है और जो है वह भी घाटों से काफी दूर है. महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की स्थिति बेहद खराब है, कई के दरवाज़े टूट चुके हैं. मजबूरन लोग निजी तौर पर अस्थायी चेंजिंग रूम बना कर 20 रुपये तक वसूल रहे हैं.
श्रद्धालुओं को नहीं मिल रहा पीने का पानीगर्मी के इस मौसम में संगम स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं रह गई है. यह स्थिति जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है. महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में 350 करोड़ रुपये से निर्मित गंगा पथ सड़क की हालत भी बिगड़ने लगी है. कई जगह से यह सड़क धंस चुकी है, जबकि इसे मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर विकसित करने का वादा किया गया था. शास्त्री ब्रिज से रसूलाबाद घाट तक बनी इस सड़क का विस्तार होता पट्टी तक होना था जो अभी भी अधूरा है
योगी सरकार के स्थायीकरण के वादे पर उठते सवालमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं को स्थायी रूप देने की घोषणा की थी. लेकिन वर्तमान हालात उस घोषणा को मुंह चिढ़ाते नज़र आ रहे हैं. स्थानीय लोग और श्रद्धालु अब वास्तविक सुविधा और स्थाई समाधान की बात कर रहे हैं.
डीएम बोले- फिर से शुरू होंगी महाकुंभ जैसी व्यवस्थाएंमहाकुंभ का भव्य आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक था, लेकिन आयोजन के 100 दिन बाद ही सिस्टम की पोल खुलती नजर आ रही है नज़र आ रही है. कबाड़ बनते वाहन टूटते घाट और बदहाल सफाई कहीं ना कहीं यह साबित करती है की बड़ी-बड़ी घोषणाएं योजनाएं और जमीनी सच्चाई के बीच एक बड़ा फासला है.प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार मादंड ने बताया कि महाकुंभ जैसी सुविधाएं एक बार फिर से श्रद्धालुओं के लिए चालू की जाएगी.
संगम किनारे बने टॉयलेट और चेंजिंग रूम की स्थिति बदहाल, तीन महीने बाद ही सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त
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