बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूची को दुरुस्त करने की कवायद पर सियासी हंगामा जारी है. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग बीजेपी के इशारे पर एसआईआर का प्रोसेस किया जा रहा है. इससे करोड़ों पात्र भारतीय नागरिक नागरिकता दस्तावेजों के अभाव में वोट देने से वंचित हो जाएंगे.
इसको लेकर अब शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बीजेपी को निशाने पर लिया है. उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुंबई के भांडुप में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार का चुनाव हाईजैक करने की कोशिश है, जैसा महाराष्ट्र का किया. लेकिन उससे क्रांति हो जाएगी. बिहार क्रांति की भूमि है. जब-जब देश में क्रांति हुई है, दो ही राज्यों से हुई है. बिहार और महाराष्ट्र. हम बिहार की जनता से उम्मीद करेंगे.
बीजेपी-चुनाव आयोग अब एक- संजय राउत
संजय राउत ने कहा, ”चुनाव आयोग और बीजेपी का हाथ में हाथ मिलाकर काम हो रहा है. चुनाव आयोग देश का चुनाव आयोग नहीं है, ये बीजेपी का चुनाव आयोग है. सभी राज्यों में. निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद हम सभी चुनाव आयोग से रखते थे, लेकिन अब नहीं हो रहा है. चुनाव आयोग बीजेपी का एक्सटेंडेड पार्टी है, या कहें ऑफिस है. वहां से जो बीजेपी को चाहिए, वो हो जाता है. चुनाव आयोग का पर्दाफाश पत्रकार ने किया, उसपर एफआईआर हो गई. अगर उसने गड़बड़ी दिखाई तो उसको सुधारना था.”
उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठक में उद्धव ठाकरे के जाने को लेकर कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक हो रही है. केसी वेणुगोपाल का फोन आया था. 19 को बैठक होगी. मैंने कहा है कि जा सकते हैं.
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
विपक्ष की आलोचना के बीच मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर में मततदाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए बुधवार (16 जुलाई) को उनका धन्यवाद किया. आयोग ने कहा है कि 7.9 करोड़ मतदाताओं में से केवल 6.85 प्रतिशत ने अभी तक एसआईआर के तहत गणना फॉर्म नहीं भरे हैं.
संजय राउत ने चुनाव आयोग के ‘SIR’ पर कहा, ‘महाराष्ट्र में जो हुआ, वो बिहार में…’
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