Sanjauli Masjid Update: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने 5 जुलाई तक स्टे लगा दिया है. वक्फ बोर्ड ने नगर निगम शिमला कोर्ट के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी थी. अब मामले की अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी. तब तक बाकी बचा मस्ज़िद का अवैध हिस्सा नहीं तोड़ा जाएगा. चार दिन पहले ही जिला अदालत ने नगर निगम आयुक्त के आदेश पर स्टे लगा दिया था.
जिला अदालत ने लगाया 5 जुलाई तक स्टे
कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी किया था और एमसी कोर्ट से रिकॉर्ड मांगा गया था. इसको आज (गुरुवार, 29 मई) एमसी ने जमा करवा दिया है. अदालत ने देवभूमि संघर्ष समिति को मामले में पार्टी बनाने से इनकार कर दिया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी. नगर निगम आयुक्त कोर्ट तीन मई को पूरी संजौली मस्जिद को अवैध करार देते हुए तोड़ने के आदेश जारी किए थे.
हालांकि, वक्फ बोर्ड एमसी कोर्ट में मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक के कागज अदालत में पेश करने सहित मस्जिद का नक्शा भी अदालत में पेश नहीं कर पाया था. अब जिला अदालत मामले पर रिकॉर्ड को देखकर आगे का फैसला सुनाएगा. नगर निगम आयुक्त कोर्ट तीन मई को पूरी संजौली मस्जिद को अवैध करार देते हुए तोड़ने के आदेश जारी किए थे.
मस्जिद की ऊपरी 3 मंजिल गिराने के दिए थे आदेश
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने बीते साल 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ऊपर की 3 मंजिल गिराने के आदेश दिए थे. इन आदेशों पर मस्जिद को तोड़ने का काम कछुआ चाल से चल रहा है. अभी तक सिर्फ मस्जिद की छत्त ही हटाई गई है, जबकि तीसरी और चौथी मंजिल की दीवारें हटाई गई हैं.
अवैध निर्माण को लेके दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प
शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर पिछले साल विवाद शुरू हुआ था. जब 29 अगस्त 2024 को शिमला जिले के मल्याणा में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक शख्स को घायल कर दिया था. मामले ने तूल पकड़ा और 1 सितंबर 2024 को संजौली में मस्जिद के बाहर लोगों का गुस्सा भड़क उठा. हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. यहीं से संजौली मस्जिद मामला शुरू हुआ.
जिस पर पूरी मस्जिद को तोड़ने का फैसला आया था. इस फैसले के खिलाफ अब वक्फ बोर्ड ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया है. जिसकी अगली सुनवाई 5 जुलाई को रखी गई है.