संभल हिंसा मामले में एडवोकेट जफर अली रिहा, 4 महीने बाद जेल से निकले बाहर

by Carbonmedia
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उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवम्बर 2024 को नगर की शाही जामा मस्जिद के दूसरी बार हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले मे 23 मार्च को एसआईटी ने कोतवाली मे पूछताछ के लिए जफर अली को बुलाया था. इसके बाद उन्हे हिरासत मे लेकर चन्दौसी कोर्ट मे पेश किया गया था, वहां से मुरादाबाद जेल भेज दिया गया. करीब चार माह से जेल मे बंद जफर अली एडवोकेट को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई. 
कई दिन तक साइड पर ऑर्डर अपलॉड होने का अधिवक्ताओं को इंतज़ार रहा. उधर एसआईटी ने दो धाराओं की बढ़ोत्तरी करते हुए चार्जशीट न्यायालय भेजी, जहां से गुरुवार को संभल जनपद के चंदौसी मे स्थित एमपी, एमएलए कोर्ट ने जफर अली की जमानत मंजूर की थी.
सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी थे नामजद
आपको बता दें कि जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में जेल भेजा गया था. इसी मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल भी नामजद किए गए थे.
बीएनएस की धारा 191 (2), 191 (3), 190,221,132,125,324 (5), 223 (बी), सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 3, 326 (एफ), 353 (2), 230, 231, 61 (2) सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 4 में चार्जशीट दाखिल हुई. इस मामले में सुहैल इकबाल को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट देते हुए इस केस से बरी कर दिया था.
अपनी रिहाई पर अल्लाह का किया शुक्रिया
वहीं अपनी रिहाई पर संभल की शाही जामा मस्जिद इंतजामियां कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने 131 दिन बाद मुरादाबाद जेल से रिहा होने पर कहा, अल्लाह के शुक्र से और आप लोगों की दुआओं से मैं जेल से छूटकर वापस आ गया हूं. अब अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ेगे जमकर लड़ेंगे और कहा और कोई रास्ता नहीं है. जफर अली एडवोकेट ने जनता से अपील की है कि अमन शांति बनाए रखें, कुछ ऐसा ना कहें जिससे किसी को दिक्कत हो.
परिजनों और समर्थकों ने किया स्वागत
मुरादाबाद जेल से रिहा होने के बाद परिजन और उनके समर्थनों ने आतिशबाजी और फूल मालाओं से स्वागत किया. जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में जेल भेजा गया था. आपको बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी. उग्र भीड़ ने कई गाड़ियां भी फूंक दी थी. इस मामले में तीन महिला और जफर अली सहित कुल 96 अभियुक्तों को जेल भेजा गया था.
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