लुधियाना इन दिनों सतलुज नदी के कहर से जूझ रहा है। शुक्रवार आधी रात को गांव ससराली के पास बना बांध टूट गया, और पानी खेतों में घुस आया। खतरा यहीं खत्म नहीं हुआ। आबादी की ओर बढ़ते पानी को रोकने के लिए प्रशासन ने सेना और NDRF की मदद से एक रिंग बांध बनाया, लेकिन अब उस पर भी कटाव शुरू हो गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि अब तीसरा बांध बनाने का काम चल रहा है। अगर पानी और आगे बढ़ा, तो 14 गांवों और लुधियाना शहर के कई इलाके राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और समराला चौक इसकी जद में आ जाएंगे। प्रशासन का अनुमान है कि करीब 50 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। सतलुज की लहरों के आगे इंसानी जज्बे की तस्वीरें भी सामने आईं। खतरे को देखते हुए लोग गांव खाली करने लगे, वहीं दूसरी ओर प्रशासन और सेना मिट्टी से भरी बोरियां डालकर पानी रोकने की जद्दोजहद कर रहे हैं। जिला उपायुक्त हिमांशु जैन खुद लोगों के साथ मिलकर बोरियां उठाते दिखे। गांव में दुआओं का सहारा भी लिया जा रहा है। लोग नदी से शांत रहने की प्रार्थना कर रहे हैं और ख्वाजा पीर को मीठे चावल चढ़ाए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पिछले 48 घंटों से ससराली बांध पर लगातार दबाव है और 16 फुट तक कटाव हो चुका है। 700 मीटर दूर बनाए गए नए रिंग बांध पर सेना और NDRF की टीमें तैनात हैं, फिर भी पानी की रफ्तार थम नहीं रही। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी सामान सुरक्षित रखें, सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों का सहारा लें। लुधियाना में बाढ़ से बने हालात की तस्वीरें..
सतलुज की जद में लुधियाना, 50 हजार लोग खतरे में,PHOTOS:बांध टूटा, गांव डूबे, सेना-NDRF कर रही जद्दोजहद, तीसरे बांध का निर्माण जारी
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