राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने सदन पटल पर इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी के बारे में सवाल पूछा। किरण चौधरी ने पूछा कि प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) के अंतर्गत ई-वाहनों के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माण के विकास को किस प्रकार सहायता प्रदान करती हैं। क्या सरकार योजना अवधि के दौरान इन प्रोत्साहनों की प्रभावशीलता की निगरानी करने की योजना बना रही है। किरण चौधरी के सवाल के जवाब में भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 29 सितंबर 2024 को दो वर्षों की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपए के परिव्यय वाली प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना अधिसूचित की गई थी। यह योजना मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा बिक्री के समय इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों को कम खरीद मूल्य के रूप में सब्सिडी प्रदान करती है। खरीदारों/खरीदारों को दी जाने वाली सब्सिडी का दावा बाद में ओईएम द्वारा सरकार से किया जाता है। ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों के खरीदारों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए इस योजना के तहत 3,679 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह दिए जवाब सरकार ने 23 सितंबर 2021 को भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए पीएलआई ऑटो योजना को मंजूरी दी है। 25,938 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ, इस योजना का उद्देश्य उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों में भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना है। यह योजना न्यूनतम 50% घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) के साथ एएटी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव करती है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माताओं को 13% से 18% तक और एएटी घटकों के निर्माताओं को 8% से 13% तक की वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन प्रदान करती है। सरकार ने 12 मई को देश में उन्नत रसायन सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए 2021 में 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ पीएलआई योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना का उद्देश्य 50 गीगावाट घंटे की एसीसी बैटरियों के लिए एक प्रतिस्पर्धी घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है। एसीसी बैटरियों का उत्पादन इलेक्ट्रिक वाहनों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगा। पीएलआई योजनाओं में प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों की निगरानी नियमित समीक्षा बैठकों, हितधारक परामर्शों और कार्यशालाओं के माध्यम से की जाती है। आवेदकों को योजना के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मंत्रालय और उसकी परीक्षण एजेंसियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। पीएम ई-ड्राइव योजना में एक कार्यक्रम कार्यान्वयन और स्वीकृति समिति (पीआईएससी) का प्रावधान है जो योजना की प्रगति की समीक्षा करती है। प्रोत्साहनों का स्तर पीआईएससी द्वारा समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रवेश को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है।
सदन में राज्यसभा सांसद ने पूछा सवाल:किरण चौधरी ने कहा- पीएम ई-ड्राइव के अंतर्गत ई-वाहनों के लिए सब्सिडी प्रदान करने को सरकार द्वारा क्या उठाए कदम
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