पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में सपने में सिर के बाल झड़ना (Hair Fall) साधारण घटना नहीं, बल्कि पूर्वजों की ओर से एक चेतावनी माना जाता है. स्वप्न शास्त्र के अनुसार बाल आयु, बल और सम्मान का प्रतीक हैं.
इस समय ऐसा सपना (Dream) दिखना संकेत देता है कि पितर संतुष्ट नहीं हैं या श्राद्ध-विधि अधूरी रह गई है. ज्योतिषीय दृष्टि से यह चन्द्रमा, शनि और केतु के अशुभ प्रभाव का परिणाम भी हो सकता है.
ऐसे स्वप्न को हल्के में न लें, क्योंकि यह आगामी हानि, अपमान या मानसिक तनाव की आहट हो सकता है. शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण पूरी श्रद्धा से करें, सोमवार को शिवलिंग पर जल अर्पित करें और पितरों की तृप्ति हेतु गरीबों व ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इससे पितृ दोष शांत होता है और जीवन में स्थिरता लौटती है.
पितृ पक्ष और स्वप्न का रहस्य
पितृ पक्ष का समय केवल तर्पण और श्राद्ध का पर्व नहीं है, बल्कि यह पूर्वजों की उपस्थिति और उनके संकेतों को समझने का अवसर भी है. शास्त्र मानते हैं कि इन दिनों स्वप्न साधारण नहीं होते.
वे भीतर के मन और अदृश्य जगत दोनों का संदेश लेकर आते हैं. इन्हीं स्वप्नों में यदि कोई व्यक्ति अपने सिर के बाल झड़ते हुए देखे तो इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. यह संकेत माना जाता है कि पितर संतुष्ट नहीं हैं और जीवन में किसी प्रकार का संकट मंडरा रहा है.
शास्त्रों का संकेत
स्वप्न शास्त्र और ब्रह्मवैवर्त पुराण में स्पष्ट उल्लेख मिलता है कि बाल आयु, बल और सम्मान के प्रतीक हैं. श्लोक में कहा गया है कि केश आयुःप्रतिकाः स्मृताः. जब स्वप्न में बाल झड़ते दिखाई देते हैं तो इसका अर्थ है कि जीवन की शक्ति क्षीण हो रही है. और यदि यह दृश्य पितृ पक्ष में दिखाई दे तो इसे पितरों की नाराजगी का प्रत्यक्ष प्रमाण माना जाता है.
पितरों की नाराज़गी का संदेश
श्राद्ध काल को लेकर मान्यता है कि इस दौरान पितृ लोक से आत्माएं धरती पर आती हैं. वे अपने वंशजों से जल, तर्पण और भोजन की अपेक्षा करती हैं. जब इन कर्मों में लापरवाही या उपेक्षा होती है, तो पितर स्वप्नों के माध्यम से संदेश देते हैं.
सिर के बाल झड़ते देखना ऐसा ही एक गहन संदेश है जो पूर्वजों की असंतुष्टि और आगामी अशांति का संकेत देता है. कभी-कभी कंघी करते समय बाल झड़ने का सपना यह जताता है कि श्राद्ध विधि अधूरी रह गई है, वहीं अचानक पूरा सिर गंजा देखना सामाजिक अपमान, धन हानि या बीमारी की आशंका से जोड़ा जाता है.
ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो बाल चंद्रमा से संबंधित हैं. चंद्रमा मन और वंश का कारक है. यदि जन्मकुंडली में चंद्रमा अशुभ हो या केतु और शनि का प्रभाव हो तो व्यक्ति को पितृ पक्ष में ऐसे स्वप्न बार-बार आ सकते हैं.
शनि पूर्वज कर्मों का प्रतिनिधि है और केतु को पितृ दोष का कारक माना गया है. यही कारण है कि जब इन ग्रहों की दशा चल रही हो तो पितरों से जुड़े संकेत सपनों में प्रकट हो जाते हैं.
शांति के उपाय
इस तरह के सपनों को टालने या उनके प्रभाव को कम करने के लिए शास्त्र उपाय भी बताते हैं. पितृ पक्ष में नियमित रूप से श्राद्ध और तर्पण करना सबसे पहला कर्तव्य माना गया है.
साथ ही सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाना, चंद्रमा की शांति के लिए मंत्र जप करना, पितरों की तृप्ति हेतु ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराना तथा शनिवार को पीपल के नीचे दीपक जलाना शनि-पितृ दोष को शांत करने के लिए श्रेष्ठ उपाय बताए गए हैं.
पूर्वजों की चेतावनी
पितृ पक्ष में स्वप्न में सिर के बाल झड़ना केवल मन की कल्पना नहीं है. यह एक गहरी आध्यात्मिक चेतावनी है जो पूर्वजों की ओर से आती है. यह संदेश है कि वे तृप्त नहीं हैं और परिवार से उचित कर्म और सम्मान की अपेक्षा कर रहे हैं.
ऐसे संकेतों को गंभीरता से लेकर विधि-विधान से कर्म करने पर ही जीवन के संकट टल सकते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिल सकती है.
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सपने में सिर के बाल झड़ना किस बात का संकेत है? क्या ये किस बड़े खतरे का संकेत तो नहीं है?
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