शहर में कूड़ा उठान से लेकर सफाई व्यवस्थाएं नदारद हैं, इसे अफसर लंबे समय से सिरे से खारिज कर दे रहे थे। लेकिन निगम कमिश्नर फील्ड पर उतरे तो इसकी पोल खुलकर सामने आ गई। बीते दिनों मेन सड़कों के रखरखाव के अलावा साफ-सफाई की चेकिंग करते समय इस्लामाबाद के पास गंदगी मिलने पर सेंट्रल हलका के 2 चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बता दें कि लोकल बाडी मंत्री रवजोत ने 13 दिन पहले बीते 12 मई को गुरुनगरी में सफाई को लेकर लापरवाही बरतने पर निगम कमिश्नर को शोकॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब देने को कहा था। जिसके बाद अगले दिन से ही निगम कमिश्नर हरकत में आए और अफसरों के साथ अलग-अलग इलाकों में इसकी हकीकत देखनी शुरू की। अगले दिन बीते 13 मई को ही हेरिटेज स्ट्रीट का दौरा कर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए और कई वार्डों में सफाई मुहिम चलाई गई थी। 14 मई को वेस्ट हलका में जीटी रोड का दौरा करने के साथ ही मेन सड़कों के रखरखाव और साफ-सफाई को लेकर अफसरों की मीटिंग बुलाई। 19 मई को मेन सड़कों के रखरखाव का निरीक्षण करते हुए कंपनी बाग के पास अतिक्रमण का नोटिस लेते हुए हटाने के निर्देश दिए। 24 मई को दौरा नोवेल्टी चौक से कस्टम चौक, रियाल्टो चौक, फिर छेहरटा, इस्लामाबाद, लाहौरी गेट, भंडारी पुल, कूपर रोड से लॉरेंस की सफाई को चैक किया गया। फिलहाल, जो भी हो सरकार ऐसे ही अफसरों के लापरवाही पर कड़ा संज्ञान ले तो सिस्टम में सुधार से इनकार नहीं कर सकते। इसी तरह हेल्थ अफसर रुटीन में अपने अधीन आते इलाकों की रिपोर्ट लें और फील्ड में उतरें तो शायद अफसरों को जवाबदेही को लेकर शर्मिंदगी नहीं झेलनी पड़ती। लेकिन जिम्मेदार अफसरों की तरफ से लापरवाही बरतने का खामियाजा पूरे निगम को भुगतना पड़ता है।
सफाई व्यवस्था को लेकर निगम कमिश्नर का दो चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टरों को नोटिस
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