जालंधर| जालंधर के एनएचएस अस्पताल में किडनी से जुड़ी हर समस्या के लिए इलाज उपलब्ध है। यहां 24 घंटे और सातों दिन डायलिसिस, आईसीयू और गंभीर रोगियों के लिए विशेष डायलिसिस, किडनी बायोप्सी और डायबिटीज-किडनी रोग के लिए विशेष क्लिनिक आदि सेवाएं उपलब्ध हैं। किडनी रोग स्पेशलिस्ट डॉ. संजय कुमार ने कहा कि अगर लोग समय पर जांच करवाएं और शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें, तो किडनी से जुड़ी बीमारियों को रोका जा सकता है। उन्होंने का कि गुर्दे हमारे शरीर से खून साफ करने, अपशिष्ट बाहर निकालने, शरीर में पानी और खनिजों का संतुलन बनाए रखने के साथ बीपी कंट्रोल करते हैं। यह शरीर में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फेट और पीएच का निर्माण करते हैं। जब ये सभी कार्य बाधित होते हैं, तो पूरे शरीर पर असर पड़ता है। नतीजा व्यक्ति क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) का शिकार हो जाता है। किडनी खराब होने के कारणों में शुगर और हाई बीपी के अलावा फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, मोटापा, धूम्रपान, शराब पीने और लंबे समय तक बिना डॉक्टरी सलाह के दवाएं लेना हो सकता है। जब किडनी पूरी तरह काम करना बंद कर देती है, तो उसे एंड स्टेज रेनल डिसीज कहा जाता है। ऐसे में मरीज को जिंदगी भर के लिए डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। डॉ. संजय कुमार
समय पर जांच होने से किडनी की बीमारी से बचा जा सकता है: डॉ. संजय कुमार
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