पानीपत जिले के समालखा की नई अनाज मंडी में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों की अनदेखी से विवाद खड़ा हो गया है। प्रशासन ने जहां कर्मचारियों, अधिकारियों और पूर्व सरपंचों को सम्मानित किया, वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को कार्यक्रम का निमंत्रण तक नहीं दिया। प्रशासन के रवैये की निंदा की स्वतंत्रता सेनानी लाला सूरजभान गुप्ता के बेटे धर्मपाल गुप्ता और पूर्व नगर पार्षद सत्यप्रकाश गर्ग ने मामले में प्रशासन की आलोचना की है। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान डाकघर पर तिरंगा फहराने वाले रघुनाथ सहाय के परिजनों ने भी प्रशासन के रवैये की निंदा की है। 18 सेनानियों ने आजादी में दिया था योगदान परिजनों का कहना है कि पिछले 4-5 वर्षों से उनकी लगातार अनदेखी की जा रही है। पहले उन्हें निमंत्रण पत्र भेजे जाते थे और स्मृति चिन्ह व शाल से सम्मानित किया जाता था। समालखा क्षेत्र से लगभग 18 स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी में योगदान दिया था। घर-घर जाकर किया सम्मानित-SDM समालखा के एसडीएम का कहना है कि प्रशासन ने स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के परिजनों को घर-घर जाकर सम्मानित किया है। हालांकि परिजनों का आरोप है कि उन्हें न तो समारोह में बुलाया गया और न ही किसी तरह का सम्मान दिया गया।
समालखा में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों की अनदेखी पर विवाद:प्रशासन ने नहीं दिया निमंत्रण, न किया सम्मान; SDM ने दी सफाई
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