सरकारी स्कूल विवाद में आज जांच करेगी विभागीय टीम:सिरसा में शिक्षकों पर अंडे मंगवाने का आरोप, SMC ने BEO को शिकायत दी

by Carbonmedia
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सिरसा जिले के डबवाली क्षेत्र के गांव चिट्ठा स्थित राजकीय मिडिल स्कूल के टीचरों पर गंभीर आरोप लगाने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग भी हरकत में आ गया है। आज शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल में जाएगी। इस दौरान स्कूल मुखिया, बच्चों और अभिभावकों से पूछताछ की जाएगी। विभाग की टीम बच्चों के भी बयान दर्ज करेगी, क्योंकि शिक्षकों द्वारा बच्चों से ही अंडे व अन्य सामान मंगवाने का आरोप है। इसको लेकर बच्चों और उनके अभिभावकों को सूचित कर दिया गया है। ऐसे में स्कूल से सीसीटीवी फुटेज एवं वीडियो भी खंगाली जाएगी, उसी में पता चलेगा कि शिक्षक और बच्चों के विवाद की असली वजह क्या है और कौन क्या मंगवाता था। स्कूल में सीसीटीवी कैमरे भी ग्राम पंचायत चिटठा की ओर से लगवाए गए है। इस पर शिक्षा विभाग नें स्कूल से जवाब मांगा है। इसके चलते टीम द्वारा स्कूल का दौरा कर रिपोर्ट दी जाएगी। इस बारे में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) ने शिक्षा विभाग के बीईओ को सौंपी शिकायत में कहा है कि टीचर न तो बच्चों को सही से पढ़ाते हैं और न ही उन पर ध्यान देते हैं। इसके साथ ही टीचरों पर बच्चों से अंडे व अन्य सामान मंगवाने का भी आरोप लगाया है। एसएमसी के उप प्रधान कुलदीप सिंह ने बताया कि स्कूल स्टाफ आपस में अक्सर लड़ता रहता है। बच्चों की क्लास सही से नहीं लगाते और जब इस बारे में कहा जाता है तो जवाब मिलता है कि वे अपनी मर्जी से काम करेंगे। स्कूल में एक ही शौचालय है जिसका उपयोग टीचर खुद करते हैं और बच्चों को जाने से रोकते हैं, जिससे बच्चों को शौचालय के लिए घर जाना पड़ता है। मिड डे मील में भी बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। चिट्‌ठा सरकारी स्कूल में उगी घास स्कूल की स्थिति भी बेहद खराब है। एक ही परिसर में प्राइमरी और मिडिल स्कूल चल रहे हैं। परिसर में काफी घास उगी हुई है, जिससे इस मौसम में जहरीले जानवरों का खतरा बना रहता है। स्कूल में अक्सर पानी की टंकी में पानी नहीं मिलता। इन सभी आरोपों से जुड़े कुछ वीडियो और फुटेज भी सामने आए हैं, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एप्लिकेशन में यह शिकायतें रखी एसएमसी की शिकायत के अनुसार, टीचर छात्राओं के बाथरूम का प्रयोग करते हैं और लड़कों के शौचालय पर ताला लगा रखा है। स्कूल इंचार्ज द्वारा स्कूल ग्रांट का ब्योरा एसएमसी को नहीं दिया जाता और बिना मीटिंग बुलाए फर्जी साइन करवाए जाते हैं। टीचरों को बिना कारण ऑफिस में बुलाकर समय बर्बाद किया जाता है और विरोध करने वालों को अधिकारियों के रिश्तेदार होने की धमकी दी जाती है। गेस्ट अध्यापिका पर बच्चों से अंडे, जामुन और आंवले मंगवाने का आरोप है। कोई भी टीचर क्लास नहीं लेता और बिना सूचना दिए स्कूल से गायब रहते हैं। इंचार्ज ने एक साल तक स्कूल का प्रिंटर अपने घर रखा, जिसे बाद में वापस मंगवाया गया। चहेते टीचरों की हाजिरी एडजस्ट करने का भी आरोप लगाया गया है।

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