‘सरकार को बदलने का…’, दीपांकर भट्टाचार्य का नीतीश कुमार पर जोरदार हमला, जीत का किया दावा

by Carbonmedia
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भाकपा माले बिहार के विभिन्न जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में किया जा रहा बदलो बिहार यात्रा का समापन आज राजधानी पटना में हुआ. पटना में समापन के दौरान माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एबीपी से खास बातचीत की. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कुल चार यात्राएं चलीं. मध्य बिहार में दो और उत्तर बिहार में दो.
भट्टाचार्य ने कहा कि बात सीधी सी है. यात्रा के दौरान हमारा नारा था. बदलो सरकार बदलो बिहार. इस यात्रा की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर के महीने में हुई थी. इस दौरान हम जहां भी पहुंचे वहां के लोगों ने कहा कि बदलाव बहुत जरूरी है और इस बदलाव के लिए सबसे जरूरी है सरकार को बदलना.
उन्होंने कहा, “लोगों का मानना है कि इस सरकार के रहते अब और आगे बिहार नहीं बढ़ सकता. चुनाव आ रहा है और सरकार को बदलने का असली वक्त चुनाव ही है. 20 साल से बिहार में यह सरकार है. पहले नीतीश कुमार जी और सुशील कुमार मोदी जी थे, लेकिन 2014 से नरेंद्र मोदी भी आ गए और इस डबल इंजन की सरकार ने बिहार को ठगने का काम किया है.”
2020 के चुनाव में महागठबंधन उत्तर बिहार में थोड़ा कमजोर प्रदर्शन के कारण सरकार बनाते-बनाते रह गई. इस बार हम तैयारी करेंगे कि उत्तर बिहार में भी हमारा प्रदर्शन बेहतर हो. पटना में हुई यात्रा में जिन विधानसभा सीटों से यह यात्रा गुजरी वहां के लोग इस सरकार से ऊब चुके हैं. जो नारा हमने दिया यह हमारा नारा नहीं बल्कि बिहार के जनता का नारा है. जनता कह रही है कि सरकार को बदलना है.
दीपांकर भट्टाचार्य से जब पूछा गया कि तेजस्वी यादव ने आज युवा संवाद में कई घोषणाएं की है क्या इसके साथ आपकी पार्टी खड़ी है? इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल हम साथ खड़े हैं. आप देखिए कि नीतीश कुमार पिछले 20 सालों से 400 का पेंशन दे रहे थे, लेकिन चुनाव से पहले उनकी नींद खुली और आप कह रहे हैं 1100 देंगे. उनको 20 साल लग गए 400 से 1100 तक पहुंचने में.
महागठबंधन ने पहले ही यह ऐलान कर दिया है कि सरकार बनेगी तो पेंशन की राशि 1500 रुपये होगी. इतना ही नहीं ढाई हजार रुपये जरूरतमंद महिलाओं को भी मासिक सम्मान निधि होगा. महागठबंधन में एआइएमआइएम को जगह देने के सवाल पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बात कि मुझे जानकारी नहीं कि वह महागठबंधन में आना चाह रहे हैं लेकिन अगर आना चाहते हैं तो राजद और अन्य पार्टियों से बात कर रहे होंगे. इस बार बिहार में लड़ाई सीधी है. एनडीए को हराना है. 2020 में एआइएमआइएम के पांच विधायक जीते थे, लेकिन चार आरजेडी में ही आ गए. ऐसे में आने वाले दिनों में देखेंगे क्या करना है? 
मल्लिकार्जुन खड़गे के जरिए बिहार को छोटा राज्य कहे जाने पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि नहीं बिहार छोटा नहीं बड़ा राज्य है. उनका यह कहने का मतलब भी नहीं रहा होगा, लेकिन सवाल तो यह है कि मोदी जी वही जाते हैं जहां-जहां चुनाव होते हैं, जहां उनकी जरूरत है, वहां वह जाते नहीं है. पहलगाम में इतनी बड़ी घटना हुई वहां नहीं गएदिल्ली में मीटिंग हुई तो वहां भी नहीं गए. बिहार में चले आए. पीएम मोदी को चुनाव के अलावा और कुछ समझ में नहीं आता। चुनाव के हिसाब से वह चलते हैं लेकिन इस बार बिहार भी उन्हें जवाब दे देगा

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