सर्वार्थ सिद्धि व ध्रुव योग में गुप्त नवरात्र शुरू हो रहे, मां दुर्गा की उपासना व विशेष योगों के चलते अत्यंत शुभ

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | लुधियाना 26 जून से शुरू हो रहे गुप्त नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में मनाए जाने वाले इन नौ दिनों को विशेष तांत्रिक साधनाओं, मां दुर्गा की गुप्त उपासना और विशेष योगों के चलते अत्यंत शुभ माना गया है। इस बार गुप्त नवरात्र का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि और ध्रुव योग में हो रहा है। पंडित अवधेश पांडे और पंडित इंद्रमणि ने बताया कि 26 जून को सुबह 10:15 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ होगा, जो 27 जून सुबह 10:15 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान ध्रुव योग भी विद्यमान रहेगा। इसके बाद 27 जून सुबह 9:35 बजे से पुष्य नक्षत्र योग शुरू होगा, जो 28 जून सुबह 9:23 बजे तक रहेगा। यह समय खरीदारी और पूजा के लिए अत्यंत शुभ बताया गया है। श्रद्धालु अखंड दीप जलाने, दुर्गा सप्तशती पाठ और विशेष हवन के लिए मंदिरों में बुकिंग करवा रहे हैं। मंदिर प्रबंधकों के अनुसार नौ दिनों के लिए कई भक्तों ने परिवार पूजा की एडवांस बुकिंग कराई है। रीता बग्गा ने कहा कि हर साल हम गुप्त नवरात्र में व्रत रखते हैं और अखंड ज्योत जलाते हैं। इससे मानसिक शांति और मां का आशीर्वाद मिलता है। वहीं अमित कटारिया, व्यवसायी ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में दुकान के लिए नई मूर्ति और पूजा सामग्री की खरीद करेंगे। नवरात्र में मां की कृपा से काम तेजी से आगे बढ़ते हैं। गुप्त नवरात्र का समापन 4 जुलाई को भड़ली नवमी पर होगा, जो एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन मांगलिक कार्यों की शुरुआत बिना पंचांग देखे कर सकते हैं। इसके अलावा 2 जुलाई को सुबह से रात 12:05 बजे तक फिर से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो विशेष पूजा-अनुष्ठान के लिए अनुकूल माना गया है। गुप्त नवरात्र में क्या करें और क्या न करें {प्रतिदिन मां दुर्गा को लाल पुष्प अर्पित करें { साधना में मौन व संयम रखें { घर में शुद्धता व पवित्रता बनाए रखें { नकारात्मक सोच, क्रोध और झूठ से बचें { किसी की निंदा या अपमान न करें गुप्त नवरात्र का रहस्य: पंडित पंकज त्रिपाठी ने बताया कि गुप्त नवरात्र आम नवरात्र की तरह सार्वजनिक उत्सव नहीं होता। यह आत्मिक साधना, तप और तांत्रिक उपासना का पर्व है। साधक एकांत में मां दुर्गा के गुप्त रूपों की साधना करते हैं। मान्यता है कि इस दौरान की गई साधना जल्दी फल देती है और मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में नई चीजें खरीदना शुभ होता है। इस दौरान सोना-चांदी, वाहन, भूमि, पूजा सामग्री, घर की जरूरत का सामान या इलेक्ट्रॉनिक्स खरीद सकते हैं। इस समय की गई खरीदारी लंबे समय तक लाभ देती है।

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